शिमला: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार से संकट दूर नहीं हुआ है. इस बीच, कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का बयान आया है. प्रतिभा ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान ने हमारी बात नहीं सुनी है तथा हमारी बातों को अनदेखा किया है. उन्होंने यह भी कि आज 6 विधायकों को अयोग्य घोषित करने से भी निराशा हुई है. प्रतिभा सिंह ने बताया था कि पार्टी विधायकों की कई बार अनदेखी की गई है. लोगों ने वीरभद्र जी की विरासत को ध्यान में रखते हुए वोट किया था. जिन विधायकों को अयोग्य ठहराया गया है, वे सभी कांग्रेस के बहुत महत्वपूर्ण नेता हैं. विधायकों का सम्मान नहीं करना चाहिए था. फिलहाल, आज (बृहस्पतिवार) शाम 5 बजे हिमाचल प्रदेश में कैबिनेट की बैठक होने जा रही है. शिमला में दो समानांतर बैठकें चल रही हैं. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू यहां कांग्रेस विधायकों के साथ बैठक कर रहे हैं. वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह अपने आवास पर अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रही हैं. प्रतिभा ने कहा, हाईकमान ने ऑब्जर्वर के रूप में भूपेंद्र हुड्डा जी, डीके शिवकुमार, राजीव शुक्ला एवं भूपेश बघेल को हिमाचल प्रदेश भेजा है. उनके सामने हमने विस्तारपूर्वक अपना पक्ष रख दिया है. उन लोगों को ही आगे फैसला लेना है तथा फैसला करना है. कल विक्रमादित्य सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है तथा जो बातें उन्होंने कही हैं, उन बातों का भी हाईकमान को संज्ञान लेना पड़ेगा. हमने वीरभद्र जी की प्रतिमा लगाने के बारे में उनसे चर्चा की है. हिमाचल के लोग यह चाहते है. हमने इस बारे में विस्तार से बातचीत की है. फैसले का इंतजार किया जा रहा है. प्रतिभा ने कहा- ये केवल हमारी भावनाएं (वीरभद्र की प्रतिमा लगाने के बारे में) नहीं हैं, बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश के लोगों की भावनाएं हैं. लोगों के साथ भावनात्मक रिश्ता रहा है. लोगों ने सरकार तक अपनी बात पहुंचाई है. इस पर क्यों फैसला नहीं किया गया? पिछली बार जब हमारी राहुल गांधी जी से बात हुई थी तो उनके समक्ष भी यह बात रखी गई थी. तब भी सरकार ने इस बात का संज्ञान लिया है. प्रतिभा ने कहा, सरकार को बने एक वर्ष हो गया है. यह सभी जानते थे कि कुछ MLA सरकार के कामकाज से खफा चल रहे हैं. मगर उनसे बातचीत नहीं की गई. उनकी बात नहीं सुनी गई. उनकी वजह नहीं जानी गई. सीएम को संज्ञान लेना चाहिए था. विधायकों ने इंतजार किया. बात गंभीरता से नहीं ली गई तो उन्होंने बागी होने जैसा कदम उठाया. प्रतिभा ने कहा, मैंने बार-बार यह बात हाईकमान से की. यहां तक कि सोनिया गांधी जी से मिली तथा अपना पक्ष रखा. केसी वेणुगोपाल से भी मिलना हुआ. यह भी बताया कि हमारे कुछ लोग नाराज चल रहे हैं. उनसे चर्चा करें तथा समस्या का निराकरण करवाएं. सरकार में क्या स्थान दे सकते हैं, इस पर चर्चा की जाए. मगर अफसोस के साथ बोलना पड़ रहा है कि हमारी बात को नहीं सुना गया. आखिरकार दुखी मन से उन्होंने यह कदम उठाया. प्रतिभा ने कहा, मैं नेतृत्व चेंज करने की बात तो नहीं बोल सकती हूं. मगर आगे फैसला हाईकमान को करना है. हमारा कर्तव्य बनता है कि अपनी बात उन तक पहुंचाएं. वरिष्ठ लोग मंथन कर रहे हैं. दोनों पक्षों से बात करें तथा रास्ता निकालें. हमने प्रियंका गांधी से भी बात की है. हमने उनको बताया कि हिमाचल में यह परिस्थिति बनी है. आगे सीएम को फैसला लेना है कि वो क्या कदम उठा सकते हैं. प्रतिभा सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं तथा लोक निर्माण विभाग में मंत्री विक्रमादित्य सिंह की मां हैं. विक्रमादित्य ने एक दिन पहले ही मंत्री पद से इस्तीफा दिया था. हालांकि हाईकमान से चर्चा के पश्चात् देर शाम उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया था. किन्तु सरकार से रार नहीं कम हुई है. 'जब तक हिमंत बिस्वा सरमा जिंदा है, बाल विवाह नहीं होने देगा': असम CM 'हथियार लेकर आ रहे किसान', किसानों आंदोलन पर बोले त्रिवेंद्र सिंह रावत बीजेपी का गठबंधन भूल गई? कांग्रेस नेता दीक्षित का तीखा जवाब