श्रीनगर: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष और पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि ‘सत्ता के पदों पर बैठे लोगों की आलोचना करना लोकतंत्र में प्रत्येक नागरिक का अधिकार है और ‘पतली चमड़ी वाले नेताओं’ को पुराने कानूनों के पीछे छिपना बंद कर देना चाहिए’. दरअसल, अब्दुल्ला ने ये टिप्पणी लक्षद्वीप की स्थानीय निवासी और फिल्म कार्यकर्ता आयशा सुल्ताना (Aisha Sultana) के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किए जाने के बाद की है. उमर अब्दुल्ला ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा है कि, 'लक्षद्वीप प्रशासक प्रफुल्ल पटेल की आलोचना का मतलब देशद्रोह (Sedition) नहीं है. लोकतंत्र में हम अभी भी यही दावा करना चाहते हैं कि सत्ता के पदों पर बैठे लोगों की आलोचना करना प्रत्येक नागरिक का अधिकार है. इन पतली चमड़ी वाले ‘नेताओं’ को ऐसे पुराने कानूनों के पीछे छिपना बंद कर देना चाहिए.' दरअसल, लक्षद्वीप में किए जा रहे सुधारों और परिवर्तनों के खिलाफ चल रहे अभियानों में आयशा सबसे आगे रही हैं. पुलिस ने गुरुवार को राज्य भाजपा अध्यक्ष अब्दुल खादर की शिकायत पर फिल्म निर्माता और एक्टिविस्ट आयशा सुल्ताना के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया है. आयशा पर धारा 124 A (राजद्रोह) और 153 B (हेट स्पीच) के तहत मामला दर्ज हुआ है. उन पर आरोप है कि उन्होंने प्रफुल पटेल को द्वीप के लोगों पर केंद्र सरकार की तरफ से प्रयोग किया जा रहा एक ‘जैविक-हथियार’ बताया है.’ 7th Pay Commission को लेकर आई बड़ी खुशखबरी, केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलेगा लाभ गौतम अडानी ने हर दिन कमाए 2000 करोड़, संपत्ति में हुआ जबरदस्त इजाफा विप्रो ने यस बैंक के अनूप पुरोहित को चीफ इंफो ऑफिसर के रूप में चुना