पति -पत्नी का रिश्ता जीवन पर्यन्त तक होता है. ये नर और नारी का वो रिश्ता होता है. जिसमे वे एक दूसरे की प्रत्येक समस्या को समझ सकें. और आपस में उसे हल कर सकें. और आपसी एकता के इस बंधन को जीवन भर निभा सकें. जो इस पति-पत्नी के रिश्ते को जीवन भर निभाते है. वे अपने जीवन में कभी दुखी नहीं हो सकते उनकी एकता ही उन्हें जीवन में उचाईयों तक ले जाती है. कई बार यह होता है की ना चाहते हुए भी इस रिश्ते में दरार सी आने लगती है. और पति -पत्नी आपस में झगड़ने लगते है. और उनके बीच आपसी अनबन बनी रहती है. ये समस्या कहीं कंही देखने को अवश्य रूप से मिलती है. यदि आप अपने इस रिश्ते को मजबूत व जीवन भर एकता के साथ निभाना चाहते है. तो कुछ सरल उपायों के माध्यम से अपने इस रिश्ते को अटूट बना सकते है. जिससे आपके इस रिश्ते में कोई दरार नहीं आ सकती. 1.विवाह के बाद जब कन्या की विदाई होने वाली हो उस वक्त एक पीतल के लोटे में गंगाजल लेकर उसमें कुछ मात्रा में पिसी हुई हल्दी मिलाएं और उसमें एक द्रव्य या एक सिक्का डालें।और अब कन्या के सर के ऊपर से 7 बार उतारा करें. और उस जल को किसी ऐसे स्थान में डाल दें जहां किसी के पैर न पड़े. ऐसा करने से उस कन्या का जीवन सुखद व् सम्पन्नता के साथ व्यतीत होगा.उसके जीवन में बहुत सी खुशियाँ अवश्य रूप से आयेगीं. 2.यदि किसी पुरुष या महिला के दांपत्य जीवन में सुख में कमी आ रही हो तो उसे चाहिए की वह दोमुखी रुद्राक्ष और गौरीशंकर रुद्राक्ष इन दोनों रुद्राक्ष को धारण कर ले, जिससे इस समस्या के साथ-साथ जीवन की अन्य समस्या भी दूर हो जाएगी. 3.यदि किसी पत्नी को उसका पति अधिक समय नहीं दे पा रहा हो, और इस कारण दोनों में प्रेम कम पड़ रहा हो या प्रेम में बाधा आ रही हो तो पत्नी को चाहिए की वह केले के वृक्ष का पूजन करे. और गुरु जिसे हम बृहस्पति कहते है. उनकी आराधना करे जीवन में खुशियाँ आना आरम्भ हो जायेगीं. 4.यदि पति और पत्नी दोनों एक दूसरे की कोई बात न मानते हो तो उन्हें चाहिए की वे प्रातः काल उठकर नित्य क्रिया से निवृत होकर स्नान कर मंदिर में जाकर शिवलिंग की पूजा करें। और भगवन भोले नाथ के मन्त्रों का जाप करें. उनके जीवन की हर समस्या टल जाएगी. जीवन सुखद व्यतीत होगा. माता सती के पार्थिव देह से हुआ है 51 शक्तिपीठों का सृजन आप भी जान लें सूर्य देव के सात घोड़ों के रथ की विशेषता सनातन धर्म की ये 6 चीजें इंसान को बनती है बलशाली हिन्दू धर्म में गाय को इसलिए पवित्र माना गया है