मालदीव में सब पर आफत, केवल राष्ट्रपति सलामत

माले: मालदीव में कानून को ताक पर रख कर सत्ता चलाई जा रही है, वहां कई राजनितिक नेताओं समेत पूर्व राष्ट्रपति भी जेल में बंद हैं. अभी दो दिन पहले सेना ने सुप्रीम कोर्ट में घुसकर चीफ जस्टिस अब्दुल्ला सईद को भी जबरदस्ती बंदी बना लिया था. गिरफ्तार होने के बाद चीफ जस्टिस अब्दुल्ला सईद के वकील हिसान हुसैन ने  प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि, उनके मुवक्किल को धमकी मिली थी कि "अगर हाई प्रोफाइल राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ दोष सिद्धि को निरस्त करने के अदालत के आदेश को नहीं पलटा गया तो उनके ‘‘टुकड़े-टुकड़े कर दिए जाएंगे.’’

हुसैन ने यह तो नहीं बताया कि शीर्ष न्यायाधीश को धमकी किसने दी, लेकिन उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधान न्यायाधीश को वर्दीधारी जवानों ने तब उनके चैंबर से जमीन पर घसीटा जब उन्होंने कहा कि वे अदालत का अपमान कर रहे हैं.’’ हुसैन ने कहा कि इस बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता है, कि वर्दीधारी पुलिस में शीर्ष न्यायाधीश को घसीटने की हिम्मत कहां से आई होगी. अब्दुल्ला सईद पर शासन के नेता के खिलाफ अभियोग चलाने के लिए,  रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है.

आपको बता दें कि, सइर्द उन दो न्यायाधीशों में शामिल हैं जिन्हें यामीन की ओर से की गई धरपकड़ की कार्रवाई के दौरान हिरासत में लिया गया, यामीन अभी तक अपने लगभग सभी राजनितिक और गैर राजनैतिक विरोधियों को जेल भेज चुके हैं. यामीन चीफ जस्टिस पर यह आरोप भी लगा चुके हैं कि चीफ जस्टिस अब्दुल्ला सईद तख्तापलट करवाने में विपक्ष का साथ दे रहे हैं. 

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