पटना। राष्ट्रीय जनता दल के नेता और पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के लिए हजारीबाग न्यायालय का एक निर्णय मुश्किलभरा रहा। दरअसल उन्होंने हत्या के एक मामले में दोषी माना गया। प्रभुनाथ सिंह को पकड़ लिया गया है। अब इस मामले में 23 मई को निर्णय लिया जाएगा। अशोक सिंह की हत्या के बाद उनकी पत्नी चांदनी देवी ने हमलावरों पर प्रकरण दर्ज करवाया था। गौरतलब है कि उन पर मशरख से विधायक रह चुके अशोक सिंह की हत्या का आरोप था। न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई की। यह मामला करीब 22 वर्ष पुराना था। 3 जुलाई 1995 को पटना में अशोक सिंह के सरकारी आवास पर बम फैंका गया था। बम के हमले से उनकी मौत हो गई थी। इस मामले में जांच के दौरान प्रभुनाथ सिंह का हाथ होने की जानकारी सामने आई थी। न्यायालय ने उन्हें दोषी पाया। हालांकि अब 23 मई को फैसला होगा। जब प्रभुनाथ सिंह को पकड़ा गया तो उनके समर्थक उग्र हो उठे। ऐसे में प्रभुनाथ सिंह को लाॅ एन आॅर्डर मैंटेन करने के चलते छपरा जेल से हजारीबाग जेल भेजा गया था। इस मामले में महाराजगंज से सांसद रह चुके प्रभुनाथ सिंह के अलावा उनके भाई दीनानाथ सिंह और रितेश सिंह को आरोपी बनाया गया था। नीतीश कैसे दे सकते हैं भ्रष्टाचारियों का साथ: मोदी बिहार में RJD और JDU गठबंधन में गहरी हुई दरार ? फरियादी की बात सुन नाराज लालू ने लगाया SP को फोन