इस साल मानसून में आई कमजोरी के चलते और कई महीनो में बेमौसम बरसात के कारण भारत का खाद्यान्न उत्पादन 2014-15 फसल वर्ष में 4.66 प्रतिशत घटकर 25 करोड़ 26 लाख व 80 हजार टन ही रह गया है. फसल वर्ष 2013-14 (जुलाई-जून) में देश में खाद्यान्न की पैदावार का आंकड़ा 26 करोड़ 50 लाख 40 हजार टन रहा था. सरकार की और से दिए गए एक आधिकारिक बयान में कहा गया, 'कि देश में 2014-15 में कुल खाद्यान्न उत्पादन अनुमानित 25 करोड़ 26 लाख 80 हजार टन रह सकता है जो कि इससे पिछले साल के खाद्यान्न उत्पादन 26 करोड़ 50 लाख 40 हजार टन के मुकाबले लगभग 1 करोड़ 23 लाख 60 हजार टन कम रहा है. कृषि मंत्रालय ने वर्ष 2014-15 का अनुमान जारी करते हुए कहा कि 2014 में खराब मॉनसून और फरवरी-मार्च, 2015 के दौरान हुई ओलावृष्टि के चलते ज्यादातर फसलों का उत्पादन घटा है. आगे कृषि मंत्रालय की और से कहा गया कि, 2014-15 में खराब मॉनसून के चलते खरीफ की फसल काफी ज्यादा प्रभावित हुई है. वही बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि होने से फरवरी-मार्च के महीने में रबी की फसलों के उत्पादन पर भी प्रतिकूल असर हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि 'खरीफ व रबी के सीजन में प्रतिकूल स्थितियों होने से देश में फसलों का उत्पादन 2014-15 के दौरान काफी घटा है. अनुमान के मुताबिक, मोटे अनाज का उत्पादन 2014-15 के दौरान काफी निम्न स्तर पर रहा है और यह घटकर 4 करोड़ 17 लाख 50 हजार टन रहने का अनुमान लगाया जा रहा है जो एक साल पहले 4 करोड़ 32 लाख 90 हजार टन के करीब पहुंच चूका था. इसी तरह, दलहनों का उत्पादन भी घटकर 1 करोड़ 72 लाख टन व तिलहनों का उत्पादन घटकर 2 करोड़ 66 लाख 80 हजार टन रहने का अनुमान है. इससे पहले दलहनों का उत्पादन 1 करोड़ 92 लाख 50 हजार टन और तिलहन का उत्पादन 3 करोड 27 लाख 40 हजार टन के लगभग था.