आज के समय में रिलेशनशिप निभाना थोड़ा मुश्किल हो गया है। सोशल मीडिया के प्रभाव के कारण कपल्स एक-दूसरे से अधिक उम्मीदें लगाते हैं। कभी-कभी, अत्यधिक प्यार और चिंता भी रिश्तों के लिए परेशानी का कारण बन सकती है। ऐसे मामलों में, ओवर-केयरिंग और ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर जैसी स्थितियां सामने आ सकती हैं। ओवर-केयरिंग का प्रभाव 1. लिमिट्स को भूल जाना: जब एक पार्टनर बहुत अधिक देखभाल करता है, तो यह बाउंड्रीज को मिटा देता है। यह सही है कि कम बातचीत भी रिश्ते के लिए अच्छा नहीं है, लेकिन अत्यधिक इन्वोल्वमेंट पर्सनल स्पेस को नुकसान पहुंचा सकता है। यह पार्टनर को असहज बना सकता है और रिश्ते पर बुरा असर डाल सकता है। 2. फैसले खुद लेना: ओवर-केयरिंग के कारण, पार्टनर अक्सर एक-दूसरे के फैसले खुद ही लेने लगते हैं। चाहे वह पर्सनल प्रॉब्लम हो या ऑफिस से संबंधित बातें, अत्यधिक देखभाल करने वाला व्यक्ति अपने फैसले पार्टनर पर थोपने की कोशिश करता है। सलाह देना अधिक प्रभावी होता है, जिससे रिश्ता मजबूत होता है और हैप्पीनेस बनी रहती है। 3. खुद को खो देना: अत्यधिक चिंता और देखभाल के कारण लोग अपनी पहचान खोने लगते हैं। जब आप अपने पार्टनर की चिंता में इतना खो जाते हैं कि अपनी खुद की जिंदगी की अनदेखी करने लगते हैं, तो यह एक प्रकार का सेल्फ-सैक्रिफाइज बन जाता है। इसका असर रिश्ते पर भी पड़ता है, जैसे पर्सनलिटी का बदलाव और बातचीत के तरीके में परिवर्तन। 4. उम्मीदें बांध लेना: ओवर-केयरिंग करने वाले लोग अपने पार्टनर से अधिक उम्मीदें लगाते हैं। इस वजह से रिश्ते में समस्याएं उत्पन्न होती हैं। एक समय पर, लोग एक ही घर में रहते हुए भी साथ नहीं होते हैं। अत्यधिक उम्मीदें गलतफहमियों का कारण बन सकती हैं। इसलिए, दोनों पार्टनर्स को एक-दूसरे की बाउंड्रीज का सम्मान करना चाहिए। अंततः, एक स्वस्थ रिलेशनशिप में दोनों पार्टनर्स को एक-दूसरे की स्पेस का सम्मान करना चाहिए और अत्यधिक चिंता और उम्मीदों से बचना चाहिए। इससे रिश्ता मजबूत रहेगा और आपसी समझ बेहतर होगी। थुलथुल तोंद की चर्बी को कम करेगा इस मसाले का पानी, ऐसे करें सेवन अगर आप भी ऐसे करते हैं फलों का सेवन तो हो जाएं सावधान, वरना फायदे की जगह होगा नुकसान इन लक्षणों को ना करें नजरअंदाज, इस गंभीर बीमारी का है संकेत