होशंगाबाद/ब्यूरो। ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही माफ नहीं की जाएगी। जो कर्मचारी योजनाओं की प्रगति में बाधक होंगे उन पर भी कर्रवाई होगी। यह बात मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मनोज सरियाम ने आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों से कही। ज्ञात हो कि उक्त बैठक के उपरांत सीईओ जिला पंचायत सरियाम द्वारा जिले के 11 कर्मचारियों को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किए गए एवं एक सप्ताह में प्रगति न आने पर उक्त कर्मचारियों के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई के निर्देश दिए गए। बैठक के दौरान 8 सहायक विकास विस्तार अधिकारी एवं पंचायत समन्वयक अधिकारियों की दो वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई।पीएम आवास योजना में ढिलाईः उक्त कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई मुख्य रूप से प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यो में प्रगति न होने के कारण की गई है। बैठक के दौरान सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सहायक यंत्री एवं उपयंत्रीयों को भी निर्देश दिए कि यदि मनरेगा योजनांतर्गत प्रति दिवस सक्रिय श्रमिको के विरुद्ध न्यूनतम 20 प्रतिशत श्रमिको को रोजगार प्रदाय नहीं किया जाता है, पंचायतों में श्रम मूलक कार्य नहीं खोले जाते है व पूर्ण कार्यो की पोर्टल पर पूर्णता दर्ज नहीं की जाती है तो जिम्मेदार अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इन कर्मचारियों पर की गई कर्रवाईः जनपद पंचायत सोहागपुर के पंचायत समन्वयक एवं सहायक विकास विस्तार अधिकारी गौरीशंकर मेहरा, महेश शर्मा, रेवाशंकर लोवंशी, शरद कुमार शुक्ला, विजय साहू, अमोल मेहरा, जनपद पंचायत सिवनीमालवा के एलएल सातनकर, अनिल पंवार, आरती गौर एवं जनपद पंचायत माखननगर मंगल विजयकर, नारायण मालवीय को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किए। जनपद पंचायत पिपरिया एवं बनखेडी के सहायक विकास विस्तार अधिकारी एवं पंचायत समन्वय अधिकारी देवीसिंह परते, रणधीर सिंह जुदेव, माखनलाल धुर्वे, एलएन पुरोहित, रामलल्लू, महेश बैरागी, माखनलाल कनोजिया एवं पीएन साहू की दो वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई। बैठक में स्वच्छ भारत मिशन, ग्रामीण आजीविका मिशन की भी समीक्षा की गई साथ ही मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान अंतर्गत विभागीय योजनाओं एवं लाभांवित किए जाने वाले हितग्राहियों के संबंध में भी समीक्षा की गई। नहीं रहे शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती, 'क्रांतिकारी साधु' के नाम से थे मशहूर भारत में चौदह प्रमुख बैंकों का राष्ट्रीयकरण किस वर्ष में किया गया था मुकेश अंबानी ने एक साथ खरीदी 2 कंपनी, जानिए कितने करोड़ो में हुई डील?