जैसा कि पता ही है कि पिछले साल लागू की गई नोटबंदी के बाद रियल एस्टेट का व्यवसाय रेरा कानून के लागू होने के बाद अभी भी नोटबंदी के प्रभावों से निकलने के लिए संघर्ष कर रहा है . हालाँकि सरकार ने पिछले बजट में किफायती दर के मकानों की परियोजनाओं को बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्जा दिया था. लेकिन सरकार के इस पूर्णकालिक बजट में रियल एस्टेट को और प्रोत्साहन देने की उम्मीद जताई जा रही है. उल्लेखनीय है कि सरकार ने 2022 तक सबके लिए आवास का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. ऐसे में आवास एवं भूमि विकास क्षेत्र से जुड़े संगठनों ने सरकार से इस क्षेत्र को कर में सहूलियत और कर्ज सस्ता करने के सुझाव दिए हैं. नारेडको के अनुसार बजट में रियल एस्टेट पर जीएसटी को और अधिक तर्कसंगत बनाए जाने के साथ सबके लिए मकान के लक्ष्य को देखते हुए सस्ते आवास योजनाओं के लिए कर्ज आदि की शर्तें अधिक अनुकूल बनाए जाने की संभावना व्यक्त की गई है. बता दें कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मध्य आय वर्ग के मकानों पर ब्याज सहायता योजना घोषित की थी. यह उद्योग इन दिनों मुश्किलों का सामना कर रहा है. इस उद्योग से जुड़े लोगों का मत है कि आवास एवं भूमि विकास क्षेत्र रोजगार की दृष्टि से अहम है. ऐसे में आशा की जा रही है कि चुनावों से पूर्व अपने आखिरी बजट में वित्त मंत्री इस क्षेत्र को करों और पूंजी की दृष्टि से कुछ और प्रोत्साहन दे सकते हैं. यह भी देखें 14 प्रमुख शहरों में रियल एस्टेट के दाम बढ़े जल्द जीएसटी के दायरे में होगा रियल एस्‍टेट सेक्‍टर