नई दिल्ली: सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर आजकल फेक न्यूज़ और आपत्तिजनक पोस्ट्स कर आवाम को भड़काने का चलन जोरों पर है. जिनपर लगाम लगाने के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने बड़ा कदम उठाने का निर्णय लिया है. फेसबुक का कहना है कि वह 7,500 से ज्यादा कंटेंट समीक्षक तैयार कर रहा है, जो नफरत फैलानेवाले विचारों, आतंकवाद और बच्चों के यौन शोषण से जुड़ी कंटेंट की प्लेटफार्म पर समीक्षा करेंगे. सोशल मीडिया पर ज्यादा ज्ञानी बनना अब पड़ सकता है महंगा फेसबुक के ये कंटेंट समीक्षक कर्मचारियों में पार्ट टाइम और फुल टाइम दोनों तरह के कर्मचारी शामिल होंगे, इसमें फेसबुक के कुछ पार्टनर्स के कर्मचारी भी शामिल होंगे. फेसबुक ने बताया है कि ये कर्मचारी दुनिया के सभी टाइम जोन में 50 भाषाओं में पोस्ट्स की समीक्षा करेंगे. फेसबुक में ऑपरेशन के वाइस प्रेसिडेंट एलेन सिल्वर ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, 'इतने बड़े पैमाने पर कंटेंट की समीक्षा पहले कभी नहीं की गई थी. 2 घंटे में जुकरबर्ग को 1150 अरब का नुकसान उन्होंने कहा कि आखिरकार इससे पहले ऐसा प्लेटफार्म भी तो नहीं था, जहां अलग-अलग भाषाओं के अलग-अलग देशों के ढेर सारे लोग आपस में बात करते हैं. हम इस चुनौती की विशालता और जिम्मेदारी को समझते हैं.' उन्होंने कहा कि आज तक फेसबुक को इस तरह के कदम उठाने की जरुरत नहीं पड़ी क्योंकि फेक न्यूज़ और आपत्तिजनक पोस्ट्स में ऐसी बढ़ोतरी पहले नहीं देखी गई थी, किन्तु अब इस तरह के पोस्ट्स पर लगाम लगाना जरुरी हो गया है. खबरें और भी:- यह टायर सुनाता है गाने भारत में लांच होने वाला है मोटो जी6 प्लस प्योरसाइट का वैक्यूम रोबो रूम्बा 671 भारत में लांच