नई दिल्ली। असम के चिरांग जिले में एनकाउंटर हो गया था जिसमें उत्तर पूर्व में नियुक्त केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल द्वारा भागीदारी की गई थी। हालांकि यह एक संयुक्त अभियान था जिसमें सीआरपीएफ के अलावा असम पुलिस, सशस्त्र सीमा बल और एसएसबी ने भाग लिया था। एनकाउंटर में एनडीएफबीएस के दो उग्रवादियों की मौत हो गई थी। मगर इसे फर्जी एनकाउंटर बताया जा रहा है। सीआरपीएफ आईजीपी ने इस मामले में गंभीर जानकारी देते हुए इसे फर्जी बताया है। अब इस मामले में जांच की जा रही है। एनकाउंटर से जुड़े गवाहों से इस मामले में चर्चा की जा रही है। इंडियन एक्सप्रेस से मिली जानकारी के अनुसार गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी रजनीश राय ने आॅपरेशन में भाग लिया था। दिल्ली स्थित सीआरपीएफ के कार्यालय को रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है रिपोर्ट में समूचे एनकाउंटर को ही फर्जी बताया गया है। दोनों ने म्यांमार में प्रशिक्षण प्राप्त किया था। राय द्वारा आरोप लगाया गया कि हत्या के बाद शवों के साथ हथियार रख दिए गए। असम के प्रमुख सचिव वी के पाइपरसेनिया को ऐसे समय सीआरपीएफ डीजी सुदीप लखटकिया लेफ्टिनेंट जनरल एएस बेदी, जीओसी, असम डीजी मुकेश सहाय, एसएसबी डीजी अर्चना रामसुंदरम, सीआरपीएफ एडीजी नाॅर्थ इस्ट जोन अन्य को आॅपरेशन को लेकर जानकारी दी गई। राय ने रिपोर्ट में ये भी लिखा कि जिन गवाहों ने मारे गए दो लोगों की तस्वीरों से पहचान की थी। उन्हें स्वतंत्र जांच टीम के सामने पेश भी किया जाएगा। हालांकि उनकी सुरक्षा के लिहाज से उनकी पहचान राय ने जाहिर नहीं की। रिपोर्ट में लिखा है कि जहां से इन संदिग्ध एनडीएफबीएस के दो उग्रवादियों को उठाया गया था वहां एक 11 साल का लड़का भी मौजूद था। इस लड़के को पास के घर में रहने वाली एक महिला अपने साथ ले गई थी जब ऑपरेशन चल रहा था। राय ने ये भी कहा है स्पेशल सिचुएशन रिपोर्ट में 210 कोबरा की जिस टीम नंबर 15 को इस ऑपरेशन में शामिल बताया गया इनक्वायरी ऑफिसर ने जब उनमें से कुछ लोगों से इस बारे में पूछा तो उन्होंने इस ऑपरेशन का हिस्सा होने की बात नकार दी। CRPF के रिटायर आईजी को कनाडा में रोके जाने पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी माओवादी कुंदन पाहन ने किया आत्मसमर्पण विवेक ने CRPF शहीदों के परिवारों के लिए किया यह पुण्य काम, जिसे दुनिया करे सलाम...