गुजरात में हुआ फर्जी स्कूल का भंडाफोड़, शिक्षा विभाग ने किया सील

राजकोट: गुजरात से एक बड़ी खबर सामने आई है यहाँ एक फर्जी स्कूल का भी भंडाफोड़ हुआ है। राजकोट के मलियान के पिपलिया गांव में इस फर्जी विद्यालय का खुलासा हुआ है। जिला शिक्षा विभाग ने स्कूल को सील कर दिया है तथा इसे चलाने वाले दंपति की तलाश जारी है। शिक्षा विभाग ने बिना अनुमति स्कूल चलाने के मामले में सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

प्राइमरी एजुकेशन ऑफिसर ने बताया कि उन्हें अंग्रेजी माध्यम के इस स्कूल के खिलाफ लिविंग सर्टिफिकेट नहीं देने की शिकायत प्राप्त हुई थी। तहकीकात के चलते पता चला कि मध्य प्रदेश के संदीप तिवारी और उनकी पत्नी कात्यानी तिवारी इस स्कूल का संचालन कर रहे थे। यह दंपति चार दुकानों को किराए पर लेकर बिना अनुमति के कक्षा एक से दसवीं तक गौरी प्री-प्राइमरी स्कूल चला रहे थे। शिक्षा अधिकारी ने कहा कि तहकीकात के पश्चात् मामले की सच्चाई सामने आई। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश के इस दंपति को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। छापेमारी के चलते स्कूल में कक्षा एक से दसवीं तक के 29 छात्र मिले। विभाग ने सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि इन छात्रों की शिक्षा प्रभावित न हो तथा उनकी आगे की पढ़ाई मान्यता प्राप्त स्कूल में जारी रहे।

शिक्षा विभाग ने पाया कि यह दंपति स्कूल में बच्चों का दाखिला लेकर उनसे फीस वसूलते थे तथा फिर उनका एडमिशन एक मान्यता प्राप्त स्कूल में कराते थे। कुछ बड़े मान्यता प्राप्त स्कूलों से उनके संपर्क थे, जहां से कुछ फीस इनको मिलती थी। यह स्कैम 2018 से चल रहा था। गौरी इंग्लिश मीडियम स्कूल में अपने बच्चे को पढ़ाने वाले एक अभिभावक ने बताया कि उनके बच्चे का लिविंग सर्टिफिकेट बीते 2 वर्षों से नहीं दिया गया था। कोरोना काल में भी स्कूल फीस भरने का दबाव बनाया जाता था, किन्तु फीस भरने के बाद भी लिविंग सर्टिफिकेट नहीं दिया गया। कई बार बोलने पर भी स्कूल प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया।

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