मुंबई: यह हफ्ता भारतीय शेयर बाजार के लिए काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है, पिछले सोमवार से लेकर अब तक सेंसेक्स 1700 अंक लुढ़क चुका है, जिससे सिर्फ पांच दिनों में, निवेशक संपत्ति 8.5 लाख करोड़ रुपये के करीब गिर गई. वहीं निफ़्टी फिफ्टी में भी लगभग 500 अंक की गिरावट देखने को मिली है. इससे समझा जा सकता है, निवेशक बहुत चिंतित हैं, निश्चित रूप से यह इक्विटी निवेशक ले लिए खतरे की घंटी है, इस कारण आपको अधिक सतर्क रहने की जरुरत है. इसलिए हम आपके लिए लाए हैं विशेषज्ञों ले कुछ टिप्स, जिनको अपनाकर आप नुकसान से बच सकते हैं. घबराकर शेयर न बेचें बाजार में जरा सी अस्थिरता आती है तो अधिकतर निवेशक घबराकर अपनी पूंजी बचने के लिए शेयर को तुरंत बेचने का रास्ता अपनाते हैं, लेकिन यह सही नहीं है, किसी भी कयास पर तुरंत प्रतिक्रिया करने से आपको नुकसान हो सकता है. राइट हॉरिजंस के संस्थापक व सीर्इओ अनिल रेगो कहते हैं कि शेयर बेचने की जल्दबाज़ी करने से पहले आपको यह विचार करना चाहिए कि शेयर में गिरावट किस वजह से आई है. सिप को न रोकें बाजार का जो भी हाल हो, म्यूच्यूअल फंड्स में सिप को रोकने की गलती कभी न करें. अनिल रेगो कहते हैं कि जब बाजार में मंदी का दौर हो, तब आपके लिए ये ज्यादा जरुरी हो जाता है कि आप इसके साथ बने रहें, क्योंकि सिप को रोककर आप इक्विटी पर मिलने वाला चक्रवर्ती ब्याज भी खो देंगे, इसलिए इसमें बने रहने में ही समझदारी है, इससे आपको अपने लंबी अवधि के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी. सिर्फ गिरावट देखकर शेयर न खरीदें अक्सर निवेशक शेयर के गिरे हुए भाव को देखकर तुरंत उसे खरीद लेते हैं, लेकिन आपको बता दें कि किसी भी शेयर का निचला स्तर पता लगा पाना काफी मुश्किल है, हो सकता है जिस शेयर को आपने गिरावट के समय ख़रीदा उसका भाव आगे जाकर और गिर जाए. रेगो के मुताबिक, किसी कंपनी में निवेश करने से पहले उसके बुनियादी पहलुओं को देखना चाहिए. इस बात की भी जानकारी करनी चाहिए कि कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड कैसा रहा है. मार्केट अपडेट:- फ्लिपकार्ट के 'बिग बिलियन डेज' सेल की तारीख बताओ और स्पेशल ऑफर्स का लाभ पाओ आरबीआई की नई गाइडलाइन, अब दो टुकड़ों वाला नोट भी चलेगा पेट्रोल डीज़ल से परेशान आम आदमी, अब झेलेगा सीएनजी और पीएनजी की मार