लंदन: विश्व प्रसिद्ध ब्रिटिश वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का शनिवार को ग्रेट सेंट मैरी चर्च के पास अंतिम संस्कार किया गया, यह क्षेत्र 50 साल से ज्यादा समय तक उनका शैक्षणिक घर रहा है. इस महान वैज्ञानिक को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में लोग कैंब्रिज पहुंचे थे, हालांकि अंतिम संस्कार का कार्यक्रम सिर्फ परिवार, दोस्तों और सहयोगियों के लिए रखा गया था, इस कारण आम जनता इसमें शामिल नहीं हो सकी. दुनिया के सबसे महान वैज्ञानिकों में से एक और समय का संक्षिप्त इतिहास के लेखक ने 14 मार्च को 76 वर्ष की आयु में अपने कैंब्रिज स्थित घर में प्राण छोड़े थे. कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के मुताबिक यह कार्यक्रम पूरी तरह से निजी रहा और बिना आमंत्रण के किसी को भी चर्च में अंतिम संस्कार के पहले या इस दौरान प्रवेश नहीं करने दिया गया. हॉकिंग के ताबूत को गोनविले से कैअस कॉलेज तक छह पोर्टरों द्वारा ले जाया गया, ये सभी लोग पारंपरिक वेषभूषा में थे. मशहूर वैज्ञानिक हॉकिंग के बेटे लुसी, रॉबर्ट और टिम हॉकिंग ने कहा कि उन्होंने कैंब्रिज में अंतिम संस्कार करने का फैसला इसलिए किया क्योंकि उनके पिता को इस शहर से बेहद लगाव था. उन्होंने कहा कि हमारे पिता का जीवन और काम कई लोगों के लिए प्रेरणादायी थे, इनमें धार्मिक और गैर धार्मिक दोनों ही तरह के लोग शामिल थे. स्टीफन हॉकिंग को एक अन्य ब्रिटिश वैज्ञानिक आईजेक न्यूटन और चार्ल्स डार्विन की कब्र के पास दफनाया गया. अंतिम संस्कार केे बाद कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के ट्रिनिटी कॉलेज में एक निजी रिसेप्शन भी दिया गया. गौरतलब है कि स्टीफन हॉकिंग ने ब्लैक होल और बिग बैंग सिद्धांत को समझने में अहम योगदान दिया है. स्टीफन हॉकिंग के कार्य को देखते हुए अमेरिका का सबसे उच्च नागरिक सम्मान उन्हें दिया जा चुका है, ब्रह्मांड के रहस्यों पर उनकी किताब 'अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम' काफी चर्चित हुई थी. स्टीफन हॉकिंग को श्रद्धांजलि देकर फंसे फुटबॉलर नेमार क्षेत्र नहीं रहे महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग जानें स्टीफन हॉकिंग का जिंदगी के प्रति नज़रिया