सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से लाए गए 3 कृषि कानून पर कृषकों का विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी है। बुधवार को कृषि सचिव के साथ बैठक में संगठनों ने कार्रवाई पर चर्चा की लेकिन इस चर्चा का कोई समाधान नहीं निकाला जाने वाला है। वहीं कृषकों ने कृषि कानून के बाहर इस बिल की प्रतियां फाड़ी। विभाग में बात करने के उपरांत कृषक संगठन के प्रतिनिधि बाहर आए और उन्होंने कहा कि विभाग के लोगों ने इस कानून को समझाने का प्रयास की लेकिन यह नहींं कहा कि विवादित विषयों को कानून से हटाया जाएगा या नहीं। एक किसान प्रतिनिधि ने बताया कि सचिव ने उनसे कहा बोला कि वो आगे हमारी मांगों पर विचार करने वाले है। दूसरे कृषक प्रतिनिधि ने बोला कि हम बैठक से बाहर इसलिए निकल गए क्योंकि वहां कोई मंत्री ही नहीं थी, हम चाहते हैं कि यह कानून रिटर्न लिया जाए। केंद्र सरकार की ओर से संजय अग्रवाल ने इस बैठक में भाग लिया और संगठनों की बात सुनी। जंहा इस बात का पता चला है कि जब से कानून संसद से पास हुआ है, तब से जिस पर विवाद चल रहा है। नए कृषि कानूनों में मंडी से बाहर फसल बिक्री की खुली छूट, निजी कृषि को बढ़ावा देने जैसे प्रस्ताव जारी किए जाने वाले है। कई किसान संगठन और राजनैतिक दल कानूनों को किसान विरोधी बता रहे हैं। इसके अतिरिक्त कृषकों की ओर से डर जताया गया है कि इस नए कानून से MPC सिस्टम समाप्त हो जाएगा। हालांकि गवर्न्मेंट का कहना है कि यह गलत है, इससे MPC सिस्टम खत्म नहीं होगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी खुद विपक्षों की बातों में ना आने की अपील कई बार कर चुके हैं। कोरोना वैक्सीन को लेकर लगा दूसरा बड़ा झटका, 3 ट्रायल पर लगी रोक नवंबर में खोला जाएगा चेन्नई आउटर रिंग रोड त्योहार विशेष: भारतीय रेलवे ने दिया यात्रियों को एक बड़ा उपहार