किसान आंदोलन को पूरा हुआ 1 साल, जानिए क्या है कुंडली बॉर्डर का हाल ?

नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के आह्वान पर जारी ऐतिहासिक किसान आंदोलन के एक साल पूरा होने व तीन कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के बाद किसान शुक्रवार को कुंडली सरहद पर आंशिक जश्न मना रहे हैं। कुंडली-सिंघु सीमा पर किसानों के पहुंचने का सिलसिला निरंतर जारी है। कुंडली बॉर्डर पर दृश्य पूरी तरह से बदला हुआ है। युवा किसान जहां डीजे पर नाच रहे हैं, वहीं बॉर्डर पर लड्डू बांटे जा रहे हैं। जलेबियों का लंगर भी शुरू कर दिया गया है।  

किसानों जत्थे लगातार दिल्ली पहुंच रहे है। जिनमें महिलाओं की तादाद भी बहुत है। कुंडली बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन में एक बार फिर किसानों की भीड़ उमड़ी है। एक वर्ष पहले 26 नवंबर, 2020 को पंजाब व हरियाण के किसान दिल्ली के रामलीला मैदान में केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन करने जा रहे थे। जिन्हें दिल्ली की बॉर्डर्स पर रोक दिया गया था। जिसके बाद किसानों ने निर्णय लिया था कि वह दिल्ली की सरहदों पर ही अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करेंगे। किसानों के आंदोलन को शुक्रवार को एक वर्ष पूरा हो गया है। इस बीच गुरु पर्व के दिन 19 नवंबर को पीएम नरेंद्र मोदी किसानों की मुख्य मांग तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का ऐलान कर चुके हैं।

इसके साथ ही कैबिनेट ने इसका प्रस्ताव भी पास कर दिया है। जिसके बाद किसानों ने बॉर्डरों पर एक वर्ष पूरा होने पर तीन कृषि कानूनों की वापसी प्रक्रिया शुरू होने के बाद आंशिक जश्न बनाने का निर्णय लिया था। जिसके कारण संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों को कुंडली बॉर्डर पर पहुंचने की अपील की थी। जिसके बाद से यहां निरंतर भीड़ पहुंच रही हैं। शुक्रवार को जश्न के बीच पहले ही तरह का दृश्य दिखाई दिया। 

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