बिजली बिल देखकर उड़े किसान के होश, दर्ज हुई शिकायत

पटना: बिहार के मोतीहारी में स्मार्ट मीटर ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सरकार का दावा है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिल उपयोग के आधार पर आएगा, लेकिन वास्तविकता यह है कि यहां किसानों के बिजली बिल लाखों में पहुंच गए हैं। पिछले एक महीने में इस तरह के दो मामलों ने सुर्खियां बटोरी हैं।

पहला मामला पताही प्रखंड के सरैया गोपाल गांव का है, जहां दिहाड़ी मजदूर संदीप कुमार राउत को दो महीने का बिजली बिल 32 लाख रुपये का भेजा गया था। इसी तरह, शहर के नजदीक स्थित चन्द्राहिया गांव में रहने वाले बाला राय को चार महीने का बिल करीब पांच लाख रुपये का आया है। बाला राय का कहना है कि बिल देखकर उनका मनोबल पूरी तरह टूट गया। उन्होंने बिजली विभाग में शिकायत दी और बिल का भुगतान नहीं किया, लेकिन इसके बजाय विभाग ने उनका कनेक्शन ही काट दिया। अब बाला राय का परिवार चिलचिलाती गर्मी और उमस में बिना पंखे और कूलर के रहने को मजबूर है।

बाला राय का कहना है कि उनके घर में सिर्फ दो कमरे हैं, जिसमें तीन पंखे और चार बल्ब हैं। अन्य कोई बिजली का उपकरण नहीं है, फिर भी स्मार्ट मीटर ने पांच लाख रुपये का बिल थमा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटर आम लोगों को सुविधा देने के बजाय एक बड़ा घोटाला करने का माध्यम बन गया है। हालांकि, मामले के सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद बिजली विभाग ने अपनी गलती स्वीकार की है और कार्यपालक अभियंता ने बताया कि बिल में सुधार कर दिया गया है।

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