नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस को हुई घटना के बाद कमजोर नज़र आ रहा किसान आंदोलन एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है. कल किसान नेता राकेश टिकैत की आंखों से गिरे आंसुओं के बाद आंदोलन में फिर जोश आता दिख रहा है. 26 जनवरी के बाद कई किसान आंदोलन छोड़कर अपने-अपने घरों को लौट गए थे, किन्तु अब वे दोबारा दिल्ली की ओर बढ़ चुके हैं. गुरुवार शाम राकेश टिकैत के रोने की खबर हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फैलते ही किसान एकजुट होना शुरू हो गए. हरियाणा के जींद, हिसार, भिवानी और गाजियाबाद से किसानों के वापस आंदोलन में लौटने की तस्वीरें सामने आई हैं. सभी किसानों ने सपष्ट कर दिया है कि वे किसी भी सूरत में आंदोलन को कमजोर या खत्म नहीं होने देंगे. राकेश टिकैत की आंखों से आंसू गिरने की बात फैलते ही यूपी से लेकर हरियाणा तक में हड़कंप मच गया. भिवानी, हिसार, कैथल, जींद, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, बिजनौर से रात में ही किसानों का जत्था गाजीपुर की तरफ निकल पड़ा. हरियाणा और पश्चिमी यूपी के अलग अलग जिलों से देर रात ही किसानों के गाजीपुुर सीमा पर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया. वहीं अब अरविन्द केजरीवाल ने भी किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए उनकी मांगों को जायज़ बताया है। कोविड वैक्सीन के चलते नोवावैक्स के शेयरों में 34% की हुई वृद्धि बजट सत्र: वित्त मंत्री ने आज संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 को किया पेश एशिया-प्रशांत निजीकृत स्वास्थ्य सूचकांक में दसवें स्थान पर रहा भारत