हिमाचल में किसानो के मुख पर छाई ख़ुशी, टमाटर बने वजह

शिमला: कोरोना के कारण देश के कई क्षेत्रो में भरी असर पड़ा है. वही इस बीच कुल्लू में फलों की शानदार कीमत प्राप्त होने के पश्चात् सब्जियों को भी कारोबारी हाथों हाथ ले रहे हैं. कुल्लू का टमाटर वहा की मंडियों में 35 से 40 रुपये किलो विक्रय हो रहा है. सेब सही कीमत में बिकने के साथ-साथ टमाटर की कीमत मिलने से घाटी के किसानों के चेहरे में उमंग आ गई हैं.

वही इससे पूर्व फूलगोभी, गोभी और मटर में किसानों को बेहद नुक्सान वहन करना पड़ा था. बीते वर्ष सीजन के चलते टमाटर 5 से 10 रुपये किलो तक विक्रय हुआ था. इस बार किसानों को टमाटर की कीमत तीन गुना ज्यादा मिल रही हैं. किसानों की उम्मीद जगी है कि बीते वर्ष की हानि की भरपाई इस वर्ष हो जाएगी. इस साल घाटी के किसानों के साथ युवाओं ने भी टमाटर उत्पादन के कारोबार को अपनाया है. COVID-19 में युवाओं का फसलों की ओर रूचि अधिक बड़ी है. मंगलवार प्रातः घाटी की सब्जी मंडियों में टमाटर का एक क्रेट 750 से 800 रुपये तक विक्रय हुआ. 

साथ ही किसान पवन, गुड्डू, छविंद्र, मोहन लाल, बुधराम, दुनी चंद, प्रेम चंद, शोभा राम, गोविंद सिंह, बलवंत ने अपने बयान में कहा, सब्जी मंडियों में वर्षा के मौसम में प्रत्येक साल टमाटर की कीमतों में गिरावट आती है. इस साल फसल की जो कीमत अभी प्राप्त हो रही हैं. इसकी उम्मीद किसानों को बिलकुल नहीं थी. टमाटर के 35 से 40 रुपये किलो कीमत प्राप्त होने से किसान बेहद प्रसन्न है. वही दूसरी ओर कुल्लू और स्नोर वैली आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष खुशहाल ठाकुर ने कहा, बीते साल घाटी में टमाटर की बंपर फसल के बाद भी डिमांड न होने से किसानों को कीमत नहीं मिल पाई थी. इस साल फसल की कम पैदावार होने के कारण किसानों को टमाटर की बेहतर कीमत मिल रही हैं. साथ ही इस कीमत से किसान बेहद खुश है.

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