नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान आज 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर सद्भावना दिवस मनाएंगे। इस अवसर पर किसान सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक उपवास भी रखेंगे। दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर किसान नेताओं ने देश के लोगों से किसानों के साथ जुड़ने का आग्रह किया है। इस दौरान किसान नेताओं का केंद्र सरकार की तरफ आक्रोश भी नजर आया। किसानों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि कृषि कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन को बर्बाद करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि, इस किसान आंदोलन को ख़त्म करने की सत्ताधारी भाजपा की साजिश अब सामने आ गई है। दूसरी तरफ गाजीपुर बॉर्डर से किसान नेता राकेश टिकैत की वीडियो सामनें आने के बाद मुख्य प्रदर्शन स्थलों गाजीपुर, सिंघु और टीकरी में आंदोलनकारियों की तादाद बढ़ रही है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता युधिष्ठिर सिंह ने कहा है की हमें भाजपा के लोगों से राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करने पर व्याख्यान की आवश्यकता नहीं है। यहां बैठे ज्यादातर किसानों के अपने बच्चे सीमाओं पर देश के लिए लड़ रहे हैं। वोे आगे कहते हैं कि सरकार द्वारा किसानों के आंदोलन को दबाने के प्रयास ने इसे और तेज कर दिया है क्योंकि कल रात की घटना के बाद से और ज्यादा लोग आंदोलन में शामिल हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि भाजपा सरकार अब चल रहे शांतिपूर्ण किसान आंदोलन को सांप्रदायिक रंग दे रही है। भारत की राजकोषीय नीति को नजर अंदाज नहीं किया जाना चाहिए यूनियन बैंक ने वित्त वर्ष 2020-21 के 9 महीनों में 1,576 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ किया अर्जित अगस्त से नवम्बर में प्याज की कीमतों आ सकता है उछाल