नई दिल्ली: तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन को लेकर आज का दिन बेहद अहम है। एक तरफ जहां केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच बुधवार को दसवें दौर की वार्ता होनी है। वहीं शीर्ष अदालत में भी अहम सुनवाई जारी है, जिसमें 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के मामले पर अदालत सुनवाई कर रहा है। किसान संगठनों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया है और दिल्ली पुलिस से इजाजत मांगी है। दिल्ली पुलिस ने खुद अनुमति ना देकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। हालांकि, पिछली सुनवाई में अदालत ने कहा था कि इसपर फैसला लेने का काम पुलिस का ही है। लेकिन सरकार की अपील पर अब फिर सुनवाई हो रही है। सरकार का कहना है कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर यदि ऐसे हजारों लोग दिल्ली में आएंगे, तो सुरक्षा व्यवस्था में परेशानी होगी। जबकि किसानों का कहना है कि वो परेड ख़त्म होने के बाद अपनी ट्रैक्टर रैली निकालेंगे और किसी को दिक्कत नहीं होगी। दूसरी तरफ नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसान संगठनों और सरकार के बीच दसवें दौर की बातचीत आज होगी। केंद्र ने कहा है कि दोनों पक्ष जल्द से जल्द इस गतिरोध को ख़त्म करना चाहते हैं, लेकिन अलग विचारधारा के लोगों की संलिप्तता की वजह से इसमें देरी हो रही है। सरकार ने यह दावा किया कि नये कृषि कानून किसानों के हित में हैं और कहा कि जब भी कोई अच्छा कदम उठाया जाता है तो इसमें बाधाएं आती हैं। सरकार ने कहा कि मामले को सुलझाने में देरी इसलिए हो रही है क्योंकि किसान नेता अपने हिसाब से निराकरण चाहते हैं। इंडिगो पेंट्स की आईपीओ बोली हुई शुरू, 24 प्रतिशत किया गया सब्सक्राइब स्पोर्ट्स अकादमी के खिलाड़ियों ने कैनो मैराथन में 6 स्वर्ण, 3 रजत, 2 कांस्य पदक जीते पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर लगा ब्रेक, आज नहीं हुआ कोई बदलाव