उज्जैन : सिंहस्थ मेला कार्यालय में गुरूवार को उद्यानिकी फसलों के क्षेत्र विस्तार के साथ-साथ उसके सशक्तिकरण और उद्यानिकी उपज से अधिकाधिक मूल्य कैसे प्राप्त करें, इस पर आधारित संभाग स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में उज्जैन संभाग के सभी जिलों के उद्यानिकी अधिकारी, संभाग के कृषक उत्पादन संगठन के सभी पदाधिकारी, फील्ड अधिकारी और संभाग के प्रगतिशील 150 किसानों ने भाग लिया। कार्यशाला में कृषकों की उद्यानिकी फसलों की पैदावार, संरक्षण, भण्डारण, विक्रय और मार्केटिंग से सम्बन्धित समस्याओं के निराकरण और योजनाओं की जानकारी दी गई। कार्यशाला का आयोजन उद्यानिकी विभाग उज्जैन द्वारा किया गया। इसमें उद्यानिकी विभाग भोपाल के संचालक श्री सत्यानन्द, अपर संचालक श्री अनिल खरे, संभागीय अधिकारी श्री एसएल नागर उपस्थित थे। कार्यशाला में पॉवर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से गुड़गांव हरियाणा से आये प्रगतिशील किसान श्री चित्तन मेघवंशी, एफपीओ भोपाल के श्री विकास पाण्डेय और इन्दौर के श्री जयेश जायसवाल ने फसलोत्तर प्रबंधन, संरक्षित खेती और फसलों की बेहतर मार्केटिंग के बारे में किसानों को जानकारी दी। उद्यानिकी विभाग के संचालक श्री सत्यानन्द ने किसानों से हुए वार्तालाप में बताया कि किसान क्लस्टर्स में संगठित होकर कार्य करें, फार्मर प्रोडक्शन ऑर्गेनाइजेशन (एफपीओ) बनायें, उसका पंजीकरण करायें और उसके बाद अपनी स्वयं की कंपनी बनाकर फसलों से अधिकाधिक लाभ प्राप्त करें। एफपीओ बनाने के लिये कम से कम 50 किसानों का होना आवश्यक है। उसके बाद इस संख्या को और बढ़ाने का प्रयास करें। संगठित होकर कार्य करने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि बाजार खुद आपके पास व्यापार के लिये सम्पर्क करेगा। वर्तमान में किसानों के उत्पाद का मूल्य बिचौलिये तय करते हैं, जिस कारण से उन्हें अपनी मेहनत का पूरा प्रतिफल नहीं मिल पाता है। इसे समाप्त करने की आवश्यकता है। किसानों के 250 से अधिक के क्लस्टर में तीन से चार सर्विस प्रोवाइडर भी अवश्य रखे जाने चाहिये। इन सर्विस प्रोवाइडर का कौशल विकास प्रशिक्षण भी समय-समय पर आयोजित करवाया जाये। ये लोग व्यापारियों से उत्पादों की मार्केटिंग और डिलिंग का कार्य करेंगे। सिंहस्थ चित्र ध्वनि महोत्सव के साथ ताजा होगी सिंहस्थ की यादें सिंहस्थ में उपयोग की गई पाइप लाइन को सभी जिलों में बराबर बांटने के निर्देश गायत्री शक्तिपीठ पर हुई सामूहिक प्रार्थना