नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद पहली दफा लोकसभा सदस्य और घाटी के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला सोमवार को संसद के मानसून सत्र में हिस्सा लेने पहुंचे। इस सत्र में, अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर में कुछ नेताओं को घाटी में स्थिति बदलने के बाद गैर कानूनी तरीके से हिरासत में रखा गया है। गौरतलब है कि अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के उन नेताओं में शामिल थे, जिन्हें गत वर्ष 5 अगस्त को केंद्र द्वारा धारा 370 को निरस्त करने के बाद हिरासत में लिया गया था। लोकसभा कक्ष में कांग्रेस नेता शशि थरूर और मनीष तिवारी, NCP की सुप्रिया सुले, DMK के ए राजा और मुथुवेल करुणानिधि कनिमोझी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने फारूक अब्दुल्ला का स्वागत किया। वह विपक्षी बेंच की दूसरी पंक्ति में अपनी तय सीट पर बैठे। गत वर्ष के शीतकालीन सत्र में धारा 370 को हटाने के दौरान, कई विपक्षी नेताओं ने मांग करते हुए कहा कि अब्दुल्ला को संसद में मौजूद रहने ने की अनुमति दी जाए। तब अब्दुल्ला ने श्रीनगर में एक इंटरव्यू में मीडिया से बात की, जिसमें कहा गया कि उन्हें हाउस अरेस्ट से बाहर आने के लिए अपने घर का दरवाजा तोड़ना पड़ा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस दावे को खारिज कर दिया कि वे (अब्दुल्ला) कहीं भी आने-जाने के लिए आज़ाद हैं। दो दिवसीय बिहार दौरे पर पहुंची चुनाव आयोग की टीम, जल्द हो सकता है तारीखों का ऐलान 'आग' के विशाल गोले में तब्दील हुआ कैलिफोर्निया का जंगल, अब तक 35 लोगों की मौत, कई लापता लोकसभा में प्रश्नकाल पर विपक्ष का हंगामा, ओवैसी बोले- डिवीज़न कराएं स्पीकर