'बाहर से लाकर बसाओगे और हम सोते रहेंगे..', कश्मीर में 7 हत्याओं के बाद अब्दुल्ला का पुराना बयान वायरल

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में धारा-370 को रद्द किए गए 2 साल से भी अधिक हो चुके हैं। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रहने और अतिरिक्त सख्ती की वजह से आतंकी उस वक़्त किसी अप्रिय घटना को अंजाम नहीं दे पाए थे। तमाम अलगाववादियों और पाकिस्तान परस्त कश्मीरी नेताओं को पहले ही हाउस अरेस्ट कर दिया गया था। किन्तु, घाटी में अब हिन्दुओं और सिखों की हत्याओं का सिलसिला फिर आरंभ हो गया है। इस बीच  फारूक अब्दुल्ला का एक बयान फिर सुर्ख़ियों में है।  बता दें कि फ़ारूक़ अब्दुल्ला का ये बयान इस वक़्त इसलिए सुर्ख़ियों में है, क्योंकि बीते 5 दिनों में ही कश्मीर में 7 हिन्दू और सिखों को आतंकियों ने मार डाला है। 

84 साल के फारूक अब्दुल्ला ‘जम्मू एंड कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC)’ के प्रमुख और वे जम्मू कश्मीर के सीएम भी रह चुके हैं। यहाँ तक कि उनके पिता जम्मू कश्मीर के ‘प्रधानमंत्री’ रह चुके हैं। उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने भी सीएम रहे थे। ऐसे में इतने बड़े नेता द्वारा दिए गए बयान को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। उनका जो बयान इन दिनों वापस लोगों को याद आ रहा है, वो अनुच्छेद-370 के निरस्त होने से 4 माह पहले अप्रैल 2019 का है।

इस बयान में अब्दुल्ला ने कहा था कि, 'वो समझते हैं कि बाहर से लाएँगे, बसाएँगे और हम सोते रहेंगे? हम इसका सामना करेंगे। धारा-370 को कैसे ख़त्म करोगे? अल्लाह की कसम खा कर कहता हूँ, अल्लाह को ये मंजूर नहीं होगा। हम इनसे आज़ाद हो जाएँ। करें, हम भी देखते हैं। देखता हूँ फिर कौन इनका झंडा खड़ा करने के लिए तैयार होगा।' बता दें कि जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ़्ती ने भी इसी तरफ का बयान देते हुए कहा था कि 'इसके बाद जम्मू कश्मीर में कोई तिरंगा उठाने वाला भी न बचेगा।'

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