एफएटीएफ के खौफ पर बोली अदालत- मसूद अजहर को 18 जनवरी तक करो गिरफ्तार

आतंकियों को सहायता पहुंचाने के आरोप में विश्वभर में घिरे पाक को अपने जिहादी आकाओं पर कार्रवाई करने के लिए विवश होना पड़ चुका है। पाक की आतंकवाद निरोधी अदालत (एटीसी) ने जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर को टेरर फंडिंग केस में 18 जनवरी तक हिरासत में लेने की बात कही है। गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान ATC गुजरांवाला ने आतंकवाद निरोधी विभाग (सीटीडी) द्वारा लगाए गए टेरर फंडिंग के आरोप के उपरांत अजहर के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट निकाला जा चुका है।

पुलवामा का गुनहगार है मसूद अजहर: मिली जानकारी के अनुसार 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में जैश-ए-मुहम्मद ने अपनी भूमिका को स्वीकार कर लिया है। इस हमले में CRPF के 40 से अधिक जवान शहीद हुए थे। इस हमले के उपरांत 26 फरवरी 2019 को भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी, जिसमें 300 से अधिक आतंकी मारे गए थे।

अदालत ने कहा, अजहर को पेश करो: जंहा इस बात का पता चला है कि अदालत से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, 'एटीसी गुजरांवाला की न्यायाधीश नताशा नसीम सुप्रा ने शुक्रवार को केस की सुनवाई के बीच सीटीडी को स्पष्ट निर्देश दिया कि वह 18 जनवरी तक जैश-ए- मुहम्मद प्रमुख के मसूद अजहर को हिरासत में लेकर उसे अदालत में पेश करें।'

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