रितिका जिंदल ने दशहरे पर तोड़ी सालों पुरानी परम्परा तो लोगों ने किया ट्रोल

नई दिल्ली: आज तक हम सभी ने एक से बढ़ कर एक टोपर देखें है, लेकिन आज तक कोई ऐसा नहीं देखा होगा जिसने उचाईयों के स्तर को ही नहीं बल्कि कामयाबी के हर पहलू को दर्शाया है.  ऐसा माना जाता है कि अगर आपको किसी भी लक्ष्य को पाना है तो उसके लिए आपकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ अच्छी होनी चाहिए. फिर चाहे वह दुनिया की कोई भी प्रतियोगिता हो या कोई भी कार्य क्यों नहो. जी हां, कुछ ऐसी ही स्तिथि का सामना पंजाब के मोगा की रहने वाली रितिका जिंदल की. कहा जाता है कि जब रितिका ने अपनी UPSC की तैयारी जब आरम्भ की, तब उनके पिता को कैंसर हो गया था,  लेकिन पिता की स्थिति गंभीर होने के बाद भी वह नहीं रुकी, और उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी. वहीं दशहरे के पावन पर्व पर शलोनी मंदिर में 'हवन' करके, पुरानी पारम्परिक परंपरा को तोड़ने के लिए युवा #IAS अधिकारी #RitikaJindal को कई लोग सलाम कर रहे है तो कई उन्हें ट्रोल भी कर रहे है.

रितिका ने ग्रेजुएशन में हासिल किए थे 95 प्रतिशत माक्स: सिविल सर्विस की परीक्षा वर्ष 2018 में सफलता प्राप्त करने वाली टोपर रितिका जिंदल पंजाब के मोगा की रहने वाली हैं. एक साक्षत्कार के बीच रितिका ने कहा कि उन्होंने शुरुआती पढ़ाई-लिखाई वहीं से पूरी की है. जिसके उपरांत उन्होंने दिल्ली के श्री राम कॉलेज से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया. रितिका ग्रेजुएशन में 95 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे. ऐसे में UPSC एग्जाम में उन्होंने ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर कॉमर्स और एकाउंटेंसी को चुना.

अपने फेवरेट सब्जेक्ट में रितिका ने हासिल किए 500 में 300 अंक: जिसके उपरांत वर्ष 2018 में UPSC exam में रितिका ने 88 रैंक प्राप्त किये. उन्होंने अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट कॉमर्स और एकाउंटेंसी में 500 में 300 अंक हासिल किए थे. इतना ही नहीं इस परीक्षा को पास करने से पहले रितिका को कई मुश्किल परिस्थिति से गुजरना पड़ा. रितिका बताती हैं कि जब वो पहली बार इस परीक्षा दे रही थी, तो उनके पिता को टंग कैंसर हो गया था. इसके साथ ही जब रितिका दूसरी बार इस परीक्षा को देने वाली थी. तब उनके पिता को लंग कैंसर हो गया था. जंहा पिता की बिगड़ती तबियत को देखते हुए  रितिका ने ये तय किया कि दुख तो आपको रुलाने के लिए आएगा ही लेकिन अगर आप मुस्कुराएंगे तो उससे लड़ने से ही हौसला मिलेगा. उन्होंने माना कि जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन उनसे कभी हिम्मत नहीं हारना चाहिए. रितिका ने ये सफलता केवल 22 वर्ष की उम्र में हासिल की.

रितिका की UPSC को लेकर सलाह: रितिका अपनी सफलता को लेकर बताती हैं कि "इस परीक्षा के पैटर्न को लोग समझ ले तो इसे आसानी से क्रैक कर सकते हैं. साथ ही रितिका आगे बताती हैं कि इस परीक्षा को स्ट्रेटजी और मेहनत के तय करते हुए तैयारी करनी चाहिए. अगर आप पढ़ रहे हैं तो केवल पढ़ने में ही नहीं बल्कि प्रैक्टिस करने पर भी ध्यान दें. किसी भी चीज की पढ़ाई करें लेकिन आखिर में रिविजन करना मत भूलें."

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