भारत में काफी बड़े अनुपात में लोग ट्रैन का सफर करते है इनमे उन लोगों का अनुपात ज्यादा है जो रोज़ाना नौकरी आदि उद्देश्य से सफर करते है, नए वर्ष 2018 में भारतीय रेलवे प्रणाली में कुछ बदलाव किए है. इन बदलावों में दिव्यांगों और तृतीय श्रेणी के लोगो के लिए विशेष ध्यान दिया गया है, अथवा लॉन्ग रुट ट्रेंस जैसे शताब्दी और राजधानी के सफर को अधिक सरल और सहज बनाने की लिए यदि जनता को सफर में भोजन की आवश्यकता हो तो ही अतिरिक्त किराया देना है अन्यथा नहीं देना है, अभी तक यात्रियों को आरक्षण किराये में भोजन का शुल्क भी देना पड़ता था. यदि यात्री ने रिज़र्वेशन टिकिट खरीदा है और रिजर्वेशन होने के बावजूद ट्रेन मिस हो जाए तो टीटी के पास अब ये अधिकार नहीं है कि वह सीट दूसरे यात्री को जारी कर दे, अपितु वह अगले दो स्टेशन तक किसी भी यात्री को जारी नहीं कर सकता। यात्री अगर चाहे तो अगले स्टेशन से ट्रेन पकड़कर उसमें सफर कर सकते हैं। इसके विपरीत यात्री अगले दो स्टेशन पर ट्रेन पकड़ने में असमर्थ होता है तो टीटी यात्री की सीट आरएसी के यात्री को जारी कर सकता है। इसके आलावा यदि यात्री की ट्रेन मिस हो जाती है तो वह टीडीआर नामक प्रक्रिया की तहत बस किराये का 50 प्रतिशत वापस ले सकता है इसके हेतु यात्री को अपने आई कार्ड की प्रतिलिपि अथवा टिकट, स्टेशन के चीफ रिजर्वेशन अधिकारी को देना अनिवार्य है.यह प्रक्रिया रिजर्वेशन टिकिट खो जाने पर भी समान रहेगी. इसके आलावा अगर ट्रैन रद्द हो जाती है तो इस स्तिथि में रेलवे पूर्ण किराया वापस करेगा, जिसके लिए यात्री को अपनी टिकिट, स्टेशन अधिकारी को सौंपना अनिवार्य होगी. रेलवे ने निकाली 26 हजार पदों पर वैकेंसी, 10वीं पास करें आवेदन इस स्टेशन पर केवल एक बच्ची को लेने और छोड़ने आती है ट्रेन