हरदोई: यूपी के बदमाशों में एनकाउंटर को लेकर इतना डर बैठ गया है कि एक अपराधी ने बीच सड़क पर पुलिस के आगे जमकर बवाल काटा। वह पुलिस के साथ जाने के लिए राजी ही नहीं था। यहां तक कि उसने पुलिस से बोला कि वह पहले उसे लिखकर दें कि रास्ते में उसे गोली नहीं मारेंगे। उसने कहा कि मुख्यमंत्री योगी ने न जाने पुलिस को कौन सी बूटी सुंघा दी है जो वो पैर पर ही गोली मारती है। दरअसल, हरदोई जिला जेल में बंद एक कैदी ने सोमवार (13 मार्च) को ट्रामा सेंटर पर खूब हंगामा मचाया। रिजवान नाम के कैदी को डायलिसिस के लिए मेडिकल कॉलेज लाया गया था, मगर उसने डायलिसिस कराने से ही मना कर दिया। वह चिकित्सालय के बाहर ही खड़ा हो गया तथा पुलिस के साथ जाने को राजी नहीं हुआ। उसे इस बात का डर था कि पुलिस बीच रास्ते में उसे गोली न मार दे। बहुत देर तक पुलिस और कैदी के बीच बहस जारी रही। सड़क पर लोगों की भीड़ भी जमा हो गई थी। बहुत देर तक भी जब वह पुलिस के साथ जाने के लिए राजी नहीं हुआ तो पुलिसकर्मियों ने उसे गोली न मारने के लिए आश्वस्त किया। तत्पश्चात, उसे उपचार के लिए भी ले जाया गया। कैदी पर पत्नी को मारने का आरोप था। पत्नी के क़त्ल के मामले में ही वह जिला कारागार में बंद है। 2014 में उसने अपनी पत्नी एसिड डाल दिया था। तत्पश्चात, पुलिस ने रिजवान को जेल भेज दिया था। इसके बाद जब वह जमानत पर छूटा तो वह फरार हो गया था। इसके बाद कोर्ट ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। वही पुलिस के डर से उसने अदालत में आत्मसमर्पण भी कर दिया था। कैदी को गुर्दे की बीमारी है। इसके चलते ही उसे डायलिसिस के लिए मेडिकल कॉलेज लाया गया था। जब उसे डायलिसिस के लिए ले जाया गया तो चिकित्सकों ने उसे केजीएमयू ले जाने की सलाह दी। इतने में उसे एनकाउंटर का डर लगने लगा तथा उसने जमकर हंगामा किया। हंगामा इतना बढ़ गया कि थाना कोतवाली शहर के अन्य पुलिसकर्मियों को भी आना पड़ा तथा उसे समझाया गया। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर दर्दनाक सड़क हादसा, दो कारों की टक्कर में 5 की मौतम कई घायल H3N2 वायरस ने बढ़ाया 'खतरा', चारधाम यात्रा से पहले जारी हुई गाइडलाइन वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक का 78 वर्ष की आयु में निधन, हिंदी पत्रकारिता में दिया अहम योगदान