दुनिया में अपनी स्पीड और टेक्नालाजी के लिए पहचानी जाने वाली, स्‍पोर्ट कारों में सबसे आगे, इटली की प्रमुख कार निर्माता कंपनी फेरारी किसी परिचय किसी परिचय की मोहताज नहीं है. फेरारी का निर्माण एंजो फेरारी ने साल 1939 में किया था और तब से लेकर अब तक, दिन व दिन इस कार की लोकप्रियता बढती ही जा रही है. आइये है इस बेमिसाल कंपनी के बारे में. 18 फरवरी 1898 में इटली के शहर मोडेना में एंजो फेरारी का जन्म हुआ.बचपन से ही उन्हें कारों का बहुत शौक था और इसीलिए 10 साल की उम्र में वह अपने पिता के साथ कार रेस देखने गए और तभी उन्होंने निश्चय किया कि बड़े होकर वे रेसिंग ड्राइवर बनेंगे, और फिर उसके बाद से भी वह बहुत सारे कार रेसिंग इवेंट्स में जाते रहे. आगे चलकर उन्होंने मोडेना कॉलेज से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और फिर पहले वर्ल्ड वॉर में शामिल होने के लिए उन्हें इटालियन आर्मी ज्वाइन करना पड़ा और फिर इसी बीच 1916 में उनके ऊपर मानो दुखों का मानो पहाड़ टूट पड़ा, जब “वाइडस्प्रेड इटालियन” फ्लू के चपेट में आने से उनके भाई और पिता की मृत्यु हो गई. इसीलिए वर्ल्ड वार से लौटने के बाद फेरारी फिर से नौकरी की तलाश में निकल गए. इटली के शहर तुरीन के एक मोटर कंपनी में टेस्ट ड्राइवर के तौर पर नौकरी मिल गयी. एक्चुअली फ़ेरारी ने ऑटोमोबाइल क्षेत्र में पढ़ाई तो नहीं की थी लेकिन कारों का जबरदस्त शौक होने की वजह से उन्हें नॉलेज बहुत था. 1919 में उनके जज्बे और टैलेंट को देखते हुए, उन्हें रेसिंग कार ड्राइवर के तौर पर प्रमोट किया गया और इसी के साथ फ़ेरारी के बचपन का सपना भी पूरा हुआ. उन्होंने अगले कुछ सालों तक बहुत सारी रेस में पार्टिसिपेट किया और उसमे से बहुत से जीते भी. लेकिन 1925 में अपने एक साथी ड्राइवर के मौत के बाद वह डरे डरे से रहने लगे और कार रेस से उनका मन हटने लगा. आखिरकार 1932 में अपने बेटे के जन्म के बाद उन्होंने रिटायरमेंट का फैसला किया और फिर अल्फा रोमियो कार कम्पनी के मैनेजमेंट और डेवलपमेंट का काम देखने लगे. लेकिन आगे चलकर इस कंपनी के साथ उनका विवाद हो गया और फिर उन्होंने 1939 में अपनी खुद की कंपनी खोली जिसका नाम था , ऑटो एविओ कास्ट्ररु-ज़िओनि , जो दूसरी कार रेसिंग टीम को पार्टस सप्लाई करने का काम करती थी. एंजो फेरारी शुरू से ही अपनी कंपनी का नाम फेरारी रखना चाहते थे लेकिन जब उन्होंने अल्फा रोमियो कंपनी छोड़ा था उस समय कंपनी का एग्रीमेंट था, कि अगर आप अपनी कोई कंपनी खोलते हैं तो अगले 4 साल तक कंपनी का नाम Ferrari नहीं रख सकते. 1946 में उन्होंने अपने कम्पनी के लिए कार डिजाइन करने की शुरुवात की और फिर 1947 में पहली बार फेरारी ने अपने नाम के साथ फेरारी 125 स्पोर्ट्स कार लांच की जिसे लोगों द्वारा बहुत पसंद किया गया और उनके द्वारा बनाए हुए कार आगे चलकर रेस में भी पार्टिसिपेट करने लगी. 1951 में कंपनी ने अपना पहला ग्रैंडप्रिक्स जीता इसके बाद से एंजो फेरारी ने कभी भी पीछे मुड कर नहीं देखा. आज के समय में स्पोर्ट्स कारों की गिनती में फेरारी का नाम सबसे पहले लिया जाता है. इसकी डिजाइन और स्पीड के आज सभी दीवाने है. वॉक्सवैगन ने बच्चों के लिए पेश की सेल्फ ड्राइविंग बस दो पेट्रोल और 3 डीजल इंजन के साथ लांच हुई '508 सैलून' कीजिये ''812 सुपरफास्ट'' फरारी की सवारी