दिल्ली: इस बार रूस में विश्व कप में परिणामों में सुधार के लिये नई तकनीक आ चुकी है. इन तकनीक की मदद से रैफरी गोल, पेनल्टी, रेड कार्ड और किसी गलत खिलाड़ी की पहचान के संबंध में वीडियो रैफरी को रेफर कर सकते हैं जो उनकी मदद करेगा. इस तकनीक का परीक्षण कई टूर्नामेंट में किया जा चुका है जिसमें एफए कप शामिल है. पहली तकनीक है. वीएआर-वीडियो एसिसटेंट रैफरी 4के अल्ट्रा हाई डेफिनीशन वीडियो एवं वीआर- फाइबर पर आधारित रेडियो सिस्टम के इस्तेमाल से रैफरियों से बात कर सकते हैं जबकि 33 प्रसारणकर्ता कैमरे की फीड और आफसाइड के दो कैमरे की फीड सीधे वीओरआर में पहुंचा दी जायेगी. इलेक्ट्रानिक परफोरमेंस एंड ट्रैकिंग सिस्टम , 5जी और एडिडास की टेलीस्टार 18 फुटबाल है. इलेक्ट्रानिक परफोरमेंस एंड ट्रैकिंग प्रणाली फीफा की दूसरी बड़ी खोज है जो टेबलेट आधारित प्रणाली है जिससे सभी भाग लेने वाली 32 टीमों के कोचों और खिलाडिय़ों के आंकड़े और वीडियो फुटेज मिल सकेंगे. जानकारी के मुताबिक फीफा सभी 64 मैचों में इस तकनीक का उपयोग करेगा. इसके लिये वीडियो सहायक रैफरी टीम में एक मुख्य वीएआर और तीन सहायक वीएआर होंगे जो मास्को में इंटरनेशनल ब्राडकास्ट सेंटर में वीडियो आपरेशन रूम वीओरआर में मौजूद रहेंगे. रूस ने विश्वकप में किया बड़ी जीत से आग़ाज़ IND vs AFG टेस्ट : धवन-विजय के शतक, भारत ने पहले दिन ठोके 347 रन भारत-अफगान टेस्ट अपडेट: बारिश ने रोका खेल, चाय तक भारत 248/1