इंदौर : गाड़ियों के लिए कर्ज मुहैया करवाने वाले पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर बैंकों के साथ ही अन्य फाइनेंस कंपनियों को 31 मार्च तक राज्य के रिजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (आरटीओ) से ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य किया जा रहा है. इस मामले में अधिक जानकारी यह बात सामने आ रही है कि जो बैंक या कंपनी लाइसेंस नहीं लेती है उनसे कर्ज लेकर ली गई गाड़ी का रजिस्ट्रेशन आरटीओ के द्वारा नहीं किया जाना है. बता दे कि यह फैसला परिवहन विभाग के अधिकारियों और ऑटोमोबाइल डीलरों की बैठक के बाद में लिया गया है. साथ ही जानकारी में यह भी बता दे कि इस नियम को फ़िलहाल इंदौर में ही लांच किया जा रहा है. इस मामले में आरटीओ एमपी सिंह से यह बात सामने आ रही है कि अभी आमतौर पर ऐसा देखने को मिलता है कि फाइनेंस कंपनियां अपनी हर जिम्मेदारी से दूर हो जाती है. कम्पनियो के द्वारा गाड़ियों ka कर्ज नहीं जमा किए जाने पर वाहन जब्त कर लिया जाता हैं. इसके बाद इन गाड़ियों को कबाड़ में या फिर किसी को बेच दिया जाता है. जबकि इन कम्पनियो पर आरटीओ का टैक्स बकाया रहता है. और साथ ही फाइनेंस कम्पनियो के द्वारा विभाग को कोई जानकारी भी नहीं दी जाती है. बताया जा रहा है कि इस नई व्यवस्था से विभाग को टैक्स मिलने के साथ ग्राहकों के साथ ज्यादती होने पर नियंत्रण रहने वाला है.