नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त और रक्षा मंत्री अरूण जेटली ने विपक्ष पर अप्रत्यक्षतौर पर निशाना साधा। वे 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल को लेकर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जो लोग एनडीए सरकार के खिलाफ अघोषित आपातकाल की बात करते हैं और आलोचना करते हैं उन्हें आपातकाल में अपनी भागीदारी को लेकर मंथन करना चाहिए। केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने खुले पत्र के तौर पर भाजपा की वेबसाईट में अपनी बात कही। इस दौरान उन्होंने कहा कि आपातकाल ने व्यक्तिगत तानाशाही को स्थापित किया था और समाज में भय का वातावरण पैदा हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरी सरकार पर भ्रष्टाचार का कोई दाग नहीं है उन्होंने वेबसाईट के वीवरर्स के लिए लिखा कि आपके सपनों का भारत जल्द बनेगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो प्रसारण कार्यक्रम मन की बात में कहा था कि आपातकाल एक काली रात थी। सारा देश इस दौरान जेल में बदल गया था। ऐसे में कांग्रेस ने सरकार की आलोचना की थी और कहा था कि राजग सरकार के दौरान एक अघोषित आपातकाल की स्थिति बनी हुई है। प्रधानमंत्री मोदी तानाशाही पर उतर आए हैं। देश और समाज में भय का वातावरण पैदा किया जा रहा है। भाजपा शासित राज्यों में आंदोलनों को बल प्रयोग कर दबाया जा रहा है। इसके बाद केंद्रीय मंत्री जेटली ने भाजपा की वेबसाईट पर अपना जवाब दिया और लिखा कि वास्तविक कारण था कि इंदिरा गांधी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर पद से बेदखल कर दिया था और सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के आदेश पर एक सशर्त स्थगन दिया था। वह सत्ता में बनी रहना चाहती थीं और इसके लिए उन्होंने आपातकाल लागू किया। मोदी सरकार ने बुलाया संसद का विशेष सत्र, रात 12 बजे GST लॉन्च करेंगे राष्ट्रपति सरकार ने GST की तारीख बढ़ाने वाली खबरों को बताया अफवाह, तय सीमा से ही होगा लागु बैंकरों का आरोप, जानबूझकर किसान कर्ज नहीं चुकाते