नई दिल्ली: सरकारी बैंकों ने सितंबर अंत 2018 तक विलफुल डिफॉल्टर्स के विरुद्ध 2,571 मामले एफआइआर दर्ज कराए और उनसे वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह बात वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कही। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकारी बैंकों के आंकड़ों के अनुसार डिफॉल्टरों से वसूली के लिए 9,363 मुकदमे दाखिल किए गए हैं और 7,616 मामलों में सिक्योरिटाइजेशन एंड रिकंस्ट्रक्शन ऑफ फाइनेंशियल असेट्स एंड एनफोर्समेंट ऑफ सिक्योरिटी इंटरेस्ट एक्ट 2002 के तहत कार्रवाई शुरू की गई है। बाज़ार में सुस्त मांग के कारण सोने-चांदी के दामों में भारी गिरावट वहीं बता दें कि लोकसभा में एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि रिजर्व बैंक के आंकड़े के अनुसार वित्त वर्ष 2014-15 से 2017-18 के बीच चार साल में सरकारी बैंकों ने 2,33,339 करोड़ रुपये के फंसे कर्ज की वसूली की। इनमें से 32,693 करोड़ रुपये की वसूली डूबे खाते से हुई। मंत्री से अप्रैल 2014 और अप्रैल 2018 के बीच सरकारी बैंकों के एनपीए और राइट-ऑफ पर सवाल किया गया था। सस्ता होगा सीमेंट पर टैक्स, घर बनाना होगा आसान इसके अलावा उन्होंने कहा कि इन चार साल में फंसे कर्जों को डूबे खातों में दिखाए जाने के कारण सरकारी बैंकों के एनपीए में 3,16,515 करोड़ रुपये की गिरावट आई है। वहीं एटीएम वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने लोकसभा में एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में कहा कि सरकारी बैंकों की अपने एटीएम बंद करने की कोई योजना नहीं है। पिछले दिनों आई खबरों के मुताबिक कन्फेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री ने चेतावनी दी है कि अनुपालन नियमों में बदलाव के कारण अगले साल मार्च तक देशभर के करीब आधे एटीएम बंद हो सकते हैं। खबरें और भी जलेबी को रंग देने वाला यह पौधा बस्तर के जंगलों से हो रहा विलुप्त पैन कार्ड की तरह अब वोटर आईडी भी लिंक कराना होगा आधार से जरूरी लगातार तीसरे दिन फिर चमका बाज़ार, सेंसेक्स ने छुआ 36,000 का स्तर