अगले साल से बदल जाएगा देश का वित्तीय वर्ष, नवंबर में पेश होगा आम बजट!

नईदिल्ली। अभी तक तो आप संसद में आम बजट का प्रस्तुतीकरण लगभग फरवरी - मार्च में होते हुए देखते व सुनते आ रहे हैं। मगर अब वे दिन दूर नहीं जब देश में वित्तीय वर्ष का प्रारंभ अप्रैल के स्थान पर जनवरी हो जाएगा। वैसे वित्त वर्ष को जनवरी से दिसंबर तक की अवधि का करने की घोषणा करने वाला मध्य प्रदेश पहला राज्य है। केंद्र सरकार अब अपना अगला बजट नवंबर में प्रस्तुत करने जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार सरकार वित्तीय वर्ष को कैलेंडर वर्ष के अनुसार बदलने पर काम कर रही है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्तीय वर्ष बदलने का समर्थन किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्त वर्ष में बदलाव की बात करते हुए कहा था कि एक तेजर्तार व्यवस्था विकसित किए जाने की जरूरत है, जो विविधता के बीच काम कर सके। उनका कहना था कि योजनाओं को लागू करने में समय नहीं मिल पाता और ऐसे में वांछित परिणाम नहीं मिल पाते हैं। मिाना जा रहा है कि संसद का बजट सत्र दिसंबर से कुछ पूर्व में रखा जा सकता है जिससे वर्ष के अंत में बजट के प्रावधान कार्य रूप में उपयोगी हों और बजट की प्रक्रिया पूर्ण हो सके।

गौरतलब है कि ब्रिटिश राज व्यवस्था द्वारा अप्रैल में वित्तीय वर्ष की व्यवस्था दिए जाने के पहले इसका प्रारंभ मई में होता था यह वित्तीय वर्ष 30 अप्रैल तक रहा करता था। सरकार ने अब एक उच्चस्तरीय समिति गठित की। समिति को वित्तीय वर्ष को 1 जनवरी से प्रारंभ करने की व्यावहारिकता का अध्ययन करने को कहा गया था।

इस मामले में वित्त मंत्री को रिपोर्ट दे दी गई। नीति आयोग ने भी यह माना है कि जिस तरह की प्रणाली है उसमें कार्य नहीं हो पाता है ऐसे में वित्तीय वर्ष की अवधि को बदला जाना चाहिए। गौरतलब है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च की अवधि को स्वीकारे जाने की व्यवस्था 1867 में दी गई थी। यह व्यवस्था इसलिए की गई थी जिससे ब्रिटिश प्रशासन भारत में होने वाले कार्य को ब्रिटेन के वित्तीय वर्ष से एडजस्ट कर कार्य कर सकें।

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