जिसने MUDA घोटाले में की सिद्धारमैया की शिकायत, कर्नाटक में उस RTI एक्टिविस्ट पर FIR

बैंगलोर: कर्नाटक के चर्चित MUDA घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ RTI एक्टिविस्ट स्नेहमयी कृष्णा ने आरोप लगाए थे, लेकिन अब उसी एक्टिविस्ट के खिलाफ मैसूर में एक केस दर्ज किया गया है। इस मामले में स्नेहमयी कृष्णा पर लावण्या नाम की महिला ने आरोप लगाया है कि स्नेहमयी और उनके साथी दाबा जयकुमार ने उस पर हमला करने की कोशिश की, उसे घसीटा, और जान से मारने की धमकी दी। शिकायत में लावण्या ने अपनी मां के साथ भी बदसलूकी का आरोप लगाया है। पुलिस ने इस मामले में प्रभा और सिद्दप्पा को भी आरोपी बनाया है। लावण्या का कहना है कि यह उत्पीड़न उनके पति की मृत्यु के बाद संपत्ति विवाद से जुड़ा है, जिसमें स्नेहमयी कृष्णा कथित तौर पर ससुराल वालों का पक्ष ले रहे थे।

स्नेहमयी कृष्णा कर्नाटक में उस समय सुर्खियों में आए जब उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ MUDA घोटाले में राज्यपाल के सामने शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि सिद्धारमैया ने पद का दुरुपयोग करके मैसूर के विजयनगर लेआउट में अवैध रूप से जमीन हासिल की। इस मामले पर कार्रवाई करते हुए राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17A और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 218 के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी।

MUDA घोटाला जमीन अधिग्रहण से संबंधित है। जब सरकार किसी व्यक्ति की जमीन अधिग्रहण करती है, तो मुआवजे के रूप में उसे दूसरी जगह जमीन देती है। आरोप है कि सिद्धारमैया और उनकी पत्नी बीएम पार्वती ने गैरकानूनी तरीके से मैसूर में 14 प्रीमियम साइट्स हासिल कीं। इस घोटाले की कीमत करीब 4,000 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। विवादित जमीन केसारू गांव की 3.16 एकड़ का प्लॉट है, जिसे 2005 में सिद्धारमैया के बहनोई मल्लिकार्जुन स्वामी देवराज के नाम ट्रांसफर किया गया था। आरोप है कि स्वामी ने 2004 में जाली दस्तावेजों के जरिए जमीन को अवैध रूप से अपने नाम करवा लिया।

अब सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस सरकार अपने मुख्यमंत्री को बचाने के लिए RTI एक्टिविस्ट स्नेहमयी कृष्णा पर दबाव बना रही है? क्योंकि स्नेहमयी वही शख्स हैं जिन्होंने MUDA घोटाले को उजागर करके राज्य में सियासी हलचल पैदा की। कर्नाटक हाई कोर्ट ने सिद्धारमैया के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दी थी, जिससे उनकी राजनीतिक स्थिति कमजोर हो गई। बिलकुल इसी समय में स्नेहमयी कृष्णा के खिलाफ FIR दर्ज होने से यह आशंका पैदा होती है कि कहीं यह उन्हें धमकाने की कोशिश तो नहीं है?

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