'बद्रीनाथ धाम' को बदरुद्दीन शाह बताने वाले मौलाना अब्दुल लतीफ़ के खिलाफ FIR दर्ज

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में बने दारुल उलूम देवबंद के मौलाना अब्दुल लतीफ कासमी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उत्तराखंड के देहरादून में उसके खिलाफ FIR हुई है। मौलाना के विरुद्ध IPC की धारा 153ए, 505, और IT एक्ट की धारा 66F के तहत मामला किया गया है। FIR में मौलाना का नाम नहीं है। इसमें केवल ‘मौलाना’ ही लिखा है।

 

बुधवार (27 जुलाई 2021) को दर्ज FIR में शिकायतकर्ता आचार्य जगदंबा प्रसाद पंत ने मौलवी पर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कासमी पर हिंदू मंदिर के खिलाफ बेबुनियाद और विवादित दावे करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा है कि मौलवी ने मंदिर पर दावा करके सांप्रदायिक तनाव को भड़काने की कोशिश की है, जो कि उनके और उनके परिवार समेत कई हिंदुओं के लिए अत्यंत पवित्र है। बता दें कि मौलाना ना अब्दुल लतीफ़ ने अपने वीडियो में कहा था कि, 'असली बात तो ये हैं कि वो बद्रीनाथ नहीं, बदरुद्दीन शाह हैं। ये मुस्लिमों का धार्मिक स्थल है, इसीलिए इसे मुस्लिमों के हवाले कर दिया जाना चाहिए। ये बद्रीनाथ नहीं हैं। नाथ लगा देने से वो हिन्दू हो गए क्या? वो बदरुद्दीन शाह हैं। तारीख़ उठा कर देखिए। इतिहास का अध्ययन कीजिए, फिर बकवास कीजिए। मुस्लिमों को उनका धार्मिक स्थल चाहिए।'

आचार्य जगदंबा ने अपनी तहरीर के साथ मौलाना की वीडियो संलग्न करते हुए उसके दावे को खारिज किया। उन्होंने कहा कि वीडियो में उपयोग हुई भाषा से वह और उनके परिजन आहत हुए हैं और उनके विश्वास को भी चोट पहुंची है। शिकायतकर्ता का कहना है कि मौलवी के दावे उत्तराखंड और उसके बाहर सांप्रदायिक दंगों को भड़का सकते हैं। शिकायतकर्ता ने देहरादून पुलिस से मामले में संज्ञान लेने के लिए कहा गया है। उनकी माँग है कि सभी डिजिटल प्लेटफॉर्मों से वीडियो हटाई जाए और मौलाना के खिलाफ कार्रवाई हो।

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