भुवनेश्वर: पूरे देश में गर्मियों का मौसम आरंभ हो चुका है और यह वह मौसम होता है, जब जंगलों में आग लगने की घटनाएं चरम पर होती हैं. ओडिशा के मयूरभंज जिले में स्थित सिमलीपाल नेशनल पार्क भी इन दिनों आग की लपटों से जूझ रहा है. इस नेशनल पार्क में बीते 10 दिनों से भीषण आग लगी हुई है. मगर इस तरफ किसी का भी ध्यान नहीं जा रहा है. सिमलीपाल 1060 स्‍क्‍वायर मीटर में फैला देश का सबसे महत्वपूर्ण नेशनल पार्क है. यह जगह मयूरभंज एलीफेंट रिजर्व का हिस्‍सा है. साथ ही एक टाइगर रिजर्व भी है. ऐसे में यहां पर भड़की आग पर्यावरण विशेषज्ञों के लिए चिंता का सबब बन गई है. सिमलीपाल का जंगल बंगाल टाइगर, एशियाई हाथी, गौर ओर चौसिंघा का निवास स्थल है. इसके अलावा यह पार्क अपने मनमोहक झरनों जैसे जोरांदा और बेरीपानी फाल्‍स के लिए भी मशहूर है. साल 2009 में यूनेस्‍को की ओर से इसे वर्ल्‍ड नेटवर्क ऑफ बायोस्‍पेयर रिजर्व घोषित किया गया था. बीते 10 दिनों से पार्क में लगी आग को बुझाने के प्रयास किए जा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पार्क के कुल 399 फायर प्‍वाइंट्स की पहचान की गई है. पूर्वी घाट के अंत पर स्थित यह पार्क लाल सिल्‍क कॉटन पेड़ों के लिए विख्यात है. इसका नाम इन्‍हीं पेड़ों के आधार पर पड़ा है जो इसी इलाके में उत्पन्न होते हैं. बता दें कि, सिमलीपाल के जंगल में 3000 प्रकार के पेड़-पौधे हैं, जिसमें 94 प्रकार की प्रजातियां तो केवल ऑर्किड की ही हैं इस नेशनल पार्क में पानी और धरती पर रह सकने वाले 12 प्रकार के ऐसे जानवर, 29 किस्म के सरीसृप, 264 किस्म के पंछी और 42 तरह स्‍तनधारी जीव मौजूद हैं. चीन ने सीमा पार यात्रा के लिए लॉन्च किया कोरोना जैब प्रमाणपत्र 15 अगस्त तक बना सकती है biz अनुपालन के लिए नई योजना सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी, जुलाई से अकाउंट में आने वाले हैं ज्यादा पैसे