नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा लगाए गए पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध को हटा दिया है। अदालत ने अपने फैसले में प्रमाणित ग्रीन पटाखे उन क्षेत्रों में बेचने और फोड़ने की इजाजत दी है, जहां हवा की गुणवत्ता "अच्छी" या "मध्यम" है। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ द्वारा दिया गया है। इसमें जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस अजय रस्तोगी शामिल थे। बेंच कलकत्ता उच्च न्यायालय के ग्रीन पटाखों समेत पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। संबंधित अधिकारियों ने कोर्ट को सूचित किया कि वे उस आदेश में निर्धारित व्यवस्था का पालन करेंगे। इसके साथ ही, शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं और पश्चिम बंगाल राज्य दोनों को अपनी दलीलों के संबंध में डेटा प्रस्तुत करने की इजाजत दी है। पश्चिम बंगाल सरकार को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि राज्य में प्रतिबंधित पटाखों या संबंधित वस्तुओं का आयात न हो। बता दें कि, इस याचिका में दावा किया गया था कि कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा पारित पटाखों पर प्रतिबन्ध लगाने का आदेश पूरी तरह से गलत है। जबकि शीर्ष अदालत ने सभी राज्यों की अनुमति सीमा में ग्रीन क्रैकर्स जलाने की रियायत दी है। पश्चिम बंगाल के पटाखा यूनियन ने इस पर कहा है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इस तथ्य की अनदेखी की है कि ग्रीन क्रैकर्स से 30 फीसद तक कम उत्सर्जन होता है। जिन ग्रीन क्रैकर्स को स्थानीय बाजार में उतारा गया है, ये सभी पर्यावरण के अनुकूल हैं। आंध्र प्रदेश स्थापना दिवस पर जगन रेड्डी ने फहराया राष्ट्रीय ध्वज 'गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करें': बाबा रामदेव ‘सर रोज हमारी बेइज्जती हो रही है’, SC कमीशन के उपाध्यक्ष से समीर वानखेड़े ने की शिकायत