नईदिल्ली। भारत द्वारा पाकिस्तान के आतंकियों के ब्रिगेड मुख्यालय क्षेत्र में दाखिल हो जाने और भारतीय सैनिकों पर अंधाधुंध गोलियां चलाने के बाद की गई सर्जिकल स्ट्राईक की हर कहीं सराहना की जा रही है। मगर क्या आप जानते हैं किस तरह से भारत ने सर्जिकल स्ट्राईक की कार्रवाई को अंजाम दिया था। दरअसल इस कार्रवाई को अंजाम देने वाले मेजर रोहित सूरी अपने 4 पैरा के 8 जवानों के साथ पीओके में बढ़े। आगे बढ़ते हुूए ये लोग आतंकियों के लाॅन्च पेड तक पहुंचे। ऐसे में इन्हें देखकर आतंकियों ने फायरिंग कर दी। मगर जवानों ने फायरिंग नहीं की और फिर मेजर रोहित सूरी ने उन्हें इंतजार करने के लिए निर्देश दिए। जब गोलीबारी रूक गई तो भारतीय सेना के जवान आतंकियों पर वार करने लगे। मगर इसी बीच दो आतंकी भाग निकले। ऐसे में आतंकियों का पीछा किया गया और फिर उन्हें मार गिराया गया। सर्जिकल स्ट्राईक में अदम्य साहस दिखाने के लिए सूरी को कीर्ति चक्र प्रदान किया गया। रोहित सूरी के अतिरिक्त चार जवान मेजर रजत चंद्रा, मेजर दीपक कुमार उपाध्याय, कैप्टन आशुतोष कुमार और नायब सूबेदार विजय कुमार को उनके साहसिक कदम के लिए शौर्य चक्र प्रदान किया गया। विजय कुमार ने तो आतंकियों का पता लगाया था इसके लिए वे गुलाम कश्मीर पहुंच गए थे। यह एक मुश्किल काम था। वे आतंकियों के लांच पैड के पीछे गए और फिर उन्होंने मल्डी ग्रेनेड लांचर से हमला कर दिया। हालांकि उनकी ओर अंधाधुंध गोलियां बरस रही थीं मगर इसके बाद भी उन्होंने हौंसला नहीं छोड़ा। गौरतलब है कि विपक्ष सर्जिकल स्ट्राईक पर सवाल उठाता रहा है। मगर सर्जिकल स्ट्राईक पर सेना व सरकार ने अपने अपने जवाब दिए हैं। सेना ने इस आॅपरेशन के लिए हर तरह से तैयारी की हुई थी। यह भी पढ़ें जरूरत हुई तो सर्जिकल स्ट्राईक करेगा भारत सर्जिकल स्ट्राईक हुई तो पाकिस्तान देगा जवाब 'हिंद का नापाक को जवाब' का मोशन पोस्टर रिलीज