वाशिंगटन: अमेरिका में सबसे पहले कोरोना वायरस की वैक्सीन का खुद पर ट्रायल करवाने वालीं महिला ने अपने अनुभव साझा किए हैं. वैक्सीन पर अध्ययन के पहले राउंड में मार्च में 43 वर्षीय जेनिफर हॉलर को सबसे पहले कोरोना वैक्सीन का डोज दिया गया था. अब 16 सप्ताह बीतने के बाद भी जेनिफर के शरीर पर कोई नकारात्मक प्रभाव नज़र नहीं आया है. अमेरिका के सिएटल की निवासी जेनिफर ने कहा है कि वह 'बहुत अच्छा' महसूस कर रही हैं. बता दें कि जेनिफर हॉलर को कोरोना की mRNA- 1273 नाम की वैक्सीन का डोज़ दिया गया था. अमेरिका के केपी वॉशिंगटन रिसर्च इंस्टीट्यूट में इस वैक्सीन को लेकर अध्ययन किया जा रहा है. अमेरिका के कोमो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, एक टेक कंपनी में ऑपरेशंस मैनेजर के रूप में काम करने वालीं जेनिफर के शरीर पर वैक्सीन का कोई नकारात्मक असर नहीं देखा गया. बता दें कि इस वैक्सीन को अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ और मॉडर्ना कंपनी ने बनाया है. कंपनी का कहना है कि इस वैक्सीन के कारण किसी शख्स में कोरोना संक्रमण नहीं हो सकता, क्योंकि इसमें कोरोना का वायरस मौजूद नहीं होता. 18 मई को मॉडर्ना ने घोषणा की थी कि फेज-1 ट्रायल के रिजल्ट पॉजिटिव आए हैं. मॉडर्ना ने अपनी वैक्सीन को लेकर यह भी कहा था कि जुलाई में वैक्सीन की फेज-3 स्टडी आरंभ होगी. तीसरे राउंड में 30 हजार लोगों को वैक्सीन का डोज़ देने की योजना है. पाकिस्तान में ढाई लाख हुए कोरोना मरीज, अब तक 5 हज़ार लोगों की मौत WHO ने दिया चौकाने वाला बयान, कभी पूरी तरह समाप्त नहीं होगा कोरोना जानें क्या है "सौर एपेक्स", 100 साल के जीवन में कर लेंगे 122,640,000 मील की यात्रा