नीदरलैंड की एक 89 वर्षीय डच महिला कोरोना वायरस के पुन: संक्रमण से मरने वाली दुनिया की पहली इंसान है। लेकिन उसके मामले में वह रक्त कैंसर के लिए कीमोथेरेपी से गुजर रही थी जो कि किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा को कम करने के लिए अच्छी तरह से जाना जाता है। उच्च बुखार और गंभीर खांसी के लक्षणों के साथ अपने पहले COVID-19 संक्रमण के लिए उसने 5 दिनों का उपचार किया। डिस्चार्ज से 2 महीने बाद उसे फिर से बुखार आया, खांसी हुई और उसकी कीमोथेरेपी के दो दिन बाद सांस लेने में कठिनाई हुई। लक्षणों के निदान के 4 वें और 6 वें दिन परीक्षण रिपोर्ट COVID-19 नकारात्मक दिखती है। लेकिन दूसरा संक्रमण गंभीर था और वह मर चुकी थी। महिलाओं के जीन परीक्षण में वायरस के पहले और दूसरे हमले में थोड़ा अंतर दिखाई देता है। सवाल अब यह उठता है कि प्रतिरक्षा कितनी लंबी है। प्रतिरक्षा की जीवन अवधि पर दुनिया भर में कई अध्ययन किए गए थे। आइसलैंड के एक अध्ययन से पता चलता है कि एंटीबॉडी कम से कम 4 महीने तक नहीं गिरे और कुछ अन्य दिखाते हैं कि 6 महीने के भीतर पुन: निर्माण संभव है। संयुक्त राज्य अमेरिका में दो मामलों में पहली बार बरामदगी से 2 महीने के भीतर कोरोना रीइनफेक्शन होता है। उन पर जीन परीक्षण वायरस के दो अलग-अलग उपभेदों को दिखाते हैं जो एक ही वायरस के दूसरे संक्रमण की पुष्टि करते हैं। दुनिया भर में अब तक 24 मामले सामने आए हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि यह नकारात्मक और फिर से सकारात्मक परीक्षण करने के लिए संभव है, लेकिन केवल जीन अध्ययन से यह पुष्टि होती है कि क्या दूसरी बार संक्रमण पर लगाम है। अमेरिका में कोरोना सकारात्मक मामलों में 10.27% थे बच्चे बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन का निर्माण शुरू, अगले हफ्ते से आरंभ होंगे ट्रायल एक और कोरोना वैक्सीन लांच करेगा रूस, दूसरे टीके को किया पंजीकृत