जानिए देश की पहली 'Made In India' ट्रेन से जुड़ी बातें

किसी जमाने में ट्रेन कोयले से चलती थी, उसके बाद डीजल और अब तकनीकी के आविष्कार से ट्रेन बिजली से चलती है। कुल मिला के कहा जा सकता की तकनीकी ने देश को उन्नती के शिखर पर पहुंचा दिया हैं। भारत के रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने दिनांक 18 मार्च को भारत की पहली मेड इन इंडिया ट्रेन मेधा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 

जानकारी के लिए आपको बता दे कि इस ट्रेन को चेन्नई के इंटिगरल कोच फैक्ट्री में तैयार किया गया है। मेधा ट्रेन तीन विशेष three-phase propulsion system से लैस है। इससे पहले भारतीय रेलवे ईएमयू या तो बॉम्बार्डियर या सीमेंस का उपयोग कर रहा था। यह ट्रेन मुंबई से रवाना की गई। यह ट्रेन हैदराबाद स्थित कंपनी मेधा सर्वो ड्राइव द्वारा संचालित है। इसलिए ट्रेन को मेधा कहा जाता है।

आपको बता दे कि इस ट्रेन की खासियत यह है कि ईएमयू ट्रेन के लिए 50 लाख अमरीकी डॉलर के मूल्य की विदेशी मुद्रा को बचाएगा और विनिर्माण लागत में 25 प्रतिशत की बचत होगी। 12 कोच के साथ एक ही ट्रेन में 43.23 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। यात्रा के दौरान ब्रेकडाउन को कम करने के लिए ट्रेन मिनिमाइज सिस्टम से लैस है। ट्रेन 110 किमी / घंटे की एक शीर्ष गति तक पहुंच सकती है। प्रथम श्रेणी के डिब्बों में गद्देदार सीटें हैं, जबकि द्वितीय श्रेणी की सीटें स्टेनलेस स्टील से बनी हैं। ट्रेन के सारे डिब्बे स्टेनलेस स्टील से निर्मित हैं। ट्रेन में हल्के दरवाजे, एलईडी प्रकाश, एयर सर्जन, जीपीएस सूचना प्रणाली और मॉड्यूलर छत, फोर्स वेंटिलेशन सिस्टम के साथ एर्गोनॉमिक रुप से प्रदर्शित सीटें हैं।

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