नई दिल्लीः महालेखा नियंत्रक (कैग) के द्वारा जारी किए गए आंकड़े के अनुसार, राजकोषीय घाटा जून तिमाही में 4.32 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। राजकोषीय घाटा सरकार के आय और खर्च के बीच अंतर को दिखाता है। एक न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक, केंद्र सरकार ने बजट में चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.4 फीसदी रहने का उम्मीद जताया था। केंद्र सरकार का अंदाजा है कि 2019-20 में राजकोषीय नुकसान 7.03 लाख रुपये रह सकता है। सरकार का यह अंदाजा बिते वित्त वर्ष के समान ही है। महालेखा नियंत्रक यानि कैग के आंकड़े के मुताबिक सरकार की 2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही में आय प्राप्ति बजट अनुमान का 14.4 प्रतिशत रहा है। यह एक साल पहले इसी समय में वार्षिक अंदाजे के 15.5 प्रतिशत के समान थी। निरपेक्ष रूप से राजस्व प्राप्ति जून 2019 को खत्म हुई तिमाही में 2.84 लाख करोड़ रुपये रही। वहीं, बजट में चालू वित्त वर्ष 2019-20 में राजस्व प्राप्ति 19.77 लाख करोड़ रुपये रहने का अंदाजा लगाया गया है। कैग के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इस बार पूंजी व्यय बजटीय अनुमान का 18.8 प्रतिशत रहा है। यह एक साल पहले इसी अवधि में बजटीय अंदाजा का 29 प्रतिशत था। अप्रैल-जून के दौरान सरकार का कुल खर्च 7.21 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो कि बजटीय अंदाजा का 25.9 प्रतिशत है। चालू वित्त वर्ष 2019-20 में सरकार का कुल खर्च 27.84 करोड़ रुपये रहने का अंदाजा लगाया गया है। आज फिर आयी पेट्रोल के दामों में गिरावट, जाने नई कीमत फ्लीका इंडिया ने 8 राज्यों में अपने कारोबार का किया विस्तार वीजी सिद्धार्थ की मौत से टूटे सीसीडी के शेयर, बढ़त के साथ खुला बाजार लुढ़का