नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायलय ने मंगलवार को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सुनवाई के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ का गठन कर दिया। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ 10 जनवरी से मामले की सुनवाई करेगी। यह पीठ अभूतपूर्व होगी क्योंकि इसमें वर्तमान चीफ जस्टिस और वरिष्ठता के आधार पर भावी चार चीफ जस्टिस शामिल हैं। 'एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' पर रोक की मांग को लेकर दायर याचिका पर बुधवार को होगी सुनवाई यह होंगे वह पांच जज सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा पीठ में जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ हैं। मामले में पांच सदस्यीय पीठ का गठन पूर्व जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के उस फैसले के विपरीत है, जिसमें उन्होंने मामले को पांच सदस्यीय पीठ के पास भेजने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट की एक आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार सुबह 10 बजे मामले की सुनवाई होनी है। ऑनलाइन दवाओं की बिक्री पर रोक हटाने से हाईकोर्ट ने किया इनकार इतनी अपीलें की गई दायर जानकारी के लिए बता दें मुस्लिम पक्षकारों ने इस मामले को पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने का स्वागत किया है। उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वर्ष 2010 में 2.77 एकड़ वाली विवादित जगह को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर बांटने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ 14 अपील दायर की गई है। अयोध्या मामला: संविधान पीठ द्वारा होगा राम मंदिर का निर्णय, 10 जनवरी से पांच जज करेंगे सुनवाई सीवीसी की सिफारिश पर दी गई थी सीबीआई निदेशक को छुट्टी- अरुण जेटली पीएम मोदी के गैर-क़ानूनी आदेशों को SC ने किया ख़ारिज, देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री- कांग्रेस