हाल ही में ख़बरों से पता लगा है कि पर्सनल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज (PED) जैसे की लैपटॉप, कैमरा आदि को आने वाले समय में चैक-इन बैग्स में ले जाने के लिए बैन किया जा सकता है. ऐसा कदम इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि इन डिवाइसेज की बैटरी में आग लगने का खतरा होता है और इस खतरे का अनुमान पहले से नहीं लगाया जा सकता. हैंड बैग्स में ये समान ले जाने पर केबिन-क्रू को PED फायर के लिए ट्रेन किया जाता है, ताकि अनजाने में होने वाले इस हादसे से बचा जा सके. अंतर्राष्ट्रीय विमानन एजेंसीज बड़ी PED डिवाइसेज जैसे ई-सिगरेट, पोर्टेबल मोबाईल चार्जर और पावर बैंक्स को चेक-इन बैग्स में बैन करने पर विचार कर रही हैं. सीनियर DGCA अधिकारी के अनुसार, भारत में भी इस नियम को लागू किया जाएगा. अमेरिकन फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने इससे सम्बंधित टेस्ट रिजल्ट भी पेश कर दिए हैं जिसमे बताया गया है की PED में आग लगने से एयरक्राफ्ट का लॉस होना भी संभव है. PED पैसेंजर केबिन में ले जाना ज्यादा सुरक्षित इसलिए है क्योंकि क्रू उस पर तत्काल कार्यवाही कर सकता है. फिलहाल सेल फोन्स, टैबलेट्स और लैपटॉप्स जैसे PED केरी-ऑन और चेक्ड बैगेज दोनों में ले जाने की अनुमति है. अंतर्राष्ट्रीय नगर विमानन संगठन (ICAO) का डेंजरस गुड्स पैनल यात्रियों और क्रू द्वारा ले जाने वाले PED को लेकर कार्य कर रहा है और इसके तहत फायर सेफ्टी ब्रांच ने पूरी तरह से चार्ज लैपटॉप की बैटरी के साथ हीटर को सूटकेस में रखकर 10 टेस्ट किए. और यह पाया की अगर PED एयरोसोल के साथ सूटकेस में पैक हो और हवा का प्रवाह ज्यादा हो, तो कुछ मामलों में विस्फोट की स्थिति हो सकती है जिससे एयरक्राफ्ट को बड़ा नुकसान भी हो सकता है. टेक्नोलॉजी में पढिये नए गैजेट्स, इंस्ट्रूमेंट्स, मोबाइल अप्प्स से जुडी मज़ेदार बातें और किस तरह आप भी बन सकते है स्मार्ट मोबाइल यूजर. Samsung Galaxy Note 8 ने जीता 'गैजट ऑफ द ईयर' अवार्ड Gionee M7 Power स्मार्टफोन हुआ लांच, जाने कीमत और स्पेसिफिकेशन होंडा के नए स्कूटर की फोटो हुई लीक