पटना। बारिश के मौसम में देश के कई क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में असम के ही साथ बिहार में भी लोग बाढ़ से बेहाल हो गए हैं। हालात ये हैं कि कई गांवों में लोग बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में और बाढ़ के पानी के बीच जीवन जीने के लिए मजबूर हैं। हालात ये हैं कि बाढ़ से करीब 13 जिलों के 31 लाख से भी ज़्यादा लोग प्रभावित हो गए हैं। इस दौरान 61 लोगों की मौत हो गई है। गौरतलब है कि राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार राज्य के पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा, भागलपुर, कटिहार, सुपौल, सहरसा, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज समेत पूर्वी चंपारण व मुजफ्फरपुर जिले के लगभग 69 प्रखंड बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। स्थिति यह है कि पटना के बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार बिहार की प्रमुख नदियों के जलस्तर में कमी आ रही है। हालात ये थे कि कोसी नदी का जलस्तर 1.25 लाख क्यूसेक दर्ज कर दिया गया है। दूसरी ओर वाल्मिीकी नगर बैराज में गंउक का जलस्तर लगभग 97 हजार क्यूसेक रहा। दोनों ही नदियों के जलस्तर में कमी आ रही है। जब बारिश ठहरती है तो नदियों का जल स्तर कम हो जाता है। दूसरी ओर किशनगंज में पानी का स्तर कम होने के साथ बीमारी की आशंका बढ़ गई है। स्थिति यह थी कि मनिहारी में गंगा का कटाव प्रारंभ हो गया। हालांकि अब कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर बाढ़ के हालातों से लोगों को निजात मिल रही है। मिली जानकारी के अनुसार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 1.61 लाख हेक्टेयर में जो फसल लगी हुई थी वह बर्बाद हो गई। बाढ़ के चलते कई लोग विस्थापित हो गए और 460 राहत शिविरों में लोगों को शरण दी जा रही है। बाढ़ से करीब 13 हजार से भी अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं।