नई दिल्ली. भारत को विकसित देश घोषित करवाने के लिए मोदी सरकार हर मुमकिन तरीके को अपना रही है. राज्यमार्ग की परियोजनाओं को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार इसे पूरी करने की तमाम कोशिशे कर रही है. अब 100 मीटर तक के लम्बे कंक्रीट गर्डर को परियोजना की जगह पर बनाने के बजाय फक्ट्री में बनाने की नई योजना बनाई गई है. इस योजना से ये फायदा होगा कि कंक्रीट गर्डर जहां एक महीने में तैयार होता था वो इस योजना के तहत अब एक दिन में ही बनकर तैयार हो जाएगा. केंद्र सरकार की इस नई योजना के दो फायदे हैं. पहला तो ये कि इससे समय की बचत तो हो ही रही है और दूसरा कि अगर इस योजना के मुताबिक ही सारे कामकाज हुए तो आम तरीके के मुकाबले 30 से 35 फीसदी कम पड़ेगी. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि कुछ दिन पहले ही उनकी मुलाकात मलयेशियाई कंपनी के प्रतिनिधिमंडल से हुई थी. मलयेशियाई कंपनी के प्रतिमंडल ने गडकरी को एक प्रजेंटेशन दिखा जिसमे उन्होंने गर्डर का निर्माण परियोजना स्थल पर ना करके फैक्ट्री में तैयार करना बताया. गडकरी ने आगे ये भी कहा कि इस योजना के तहत स्थल पर बनाए हुए गर्डर के मुकाबले फैक्ट्री में बनाए हुए गर्डर में ज्यादा मजबूती होती है. फैक्ट्री में बनाए हुए गर्डर में स्टील के सरिया उपयोग में नहीं लिए जाते है बल्कि इसमें स्टील के फाइबर का इस्तेमाल किया जाता है ताकि इसका स्ट्रक्चर भी अच्छा बने और मजबूती भी आ सके. इससे ये भी फायदा होगा कि जो पल कई सालों में बनकर तैयार होते थे वो अब महज कुछ ही दिनों में हो जाएंगे. वहीं अगर 100 मीटर तक का लम्बा पूल हो तो वो तो एक रात में बनकर ही तैयार हो जाएगा. अगर ये योजना ठीक रही तो जल्द ही इसे अपना लिया जाएगा. ख़बरें और भी... असम NRC लिस्ट: 40 लाख घुसपैठियों के समर्थन में ममता, केंद्र पर मढ़े आरोप केंद्रीय कर्मचारियों को सरकार का तोहफा, विदेश भ्रमण पर मिलेंगी ये खास सुविधाएं ममता का बंगाल अब बनने जा रहा है 'बांग्ला', यह है वजह