नई दिल्ली: नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने एयर इंडिया और स्पाइसजेट को कारण बताओ नोटिस जारी कर सख्त रुख अपनाया है। मुख्य मुद्दा उन पायलटों की रोस्टरिंग के इर्द-गिर्द घूमता है, जिन्होंने CAT III तकनीक में प्रशिक्षण नहीं लिया है। यह तकनीक सुरक्षित लैंडिंग की सुविधा के लिए अपरिहार्य है, विशेष रूप से घने कोहरे या दृश्यता में गंभीर रूप से बाधा डालने वाली अन्य प्रतिकूल परिस्थितियों जैसे चुनौतीपूर्ण मौसम परिदृश्यों में यह काफी मददगार साबित होती है। दिल्ली के हवाई अड्डे पर एक महत्वपूर्ण व्यवधान से मामले की तात्कालिकता पर प्रकाश डाला गया। विशेष रूप से, 24-25 दिसंबर और 27-28 दिसंबर की तारीखों के दौरान, दिल्ली के लिए निर्धारित 50 से अधिक उड़ानों को डायवर्ट करना पड़ा। यह उन दिनों प्रचलित कम दृश्यता की स्थिति का प्रत्यक्ष परिणाम था। राष्ट्रीय राजधानी और इसके पड़ोसी क्षेत्रों में छाए घने कोहरे के बीच, दृश्यता चिंताजनक रूप से कम हो गई, कभी-कभी न्यूनतम 0-50 मीटर तक पहुंच गई। मुद्दे के केंद्र में CAT III तकनीक है, जिसे इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह परिष्कृत नेविगेशन प्रणाली हवाई जहाजों के लिए एक बीकन के रूप में कार्य करती है, जो कोहरे, बर्फ या मूसलाधार बारिश जैसे कारकों के कारण बाहरी दृश्यता गंभीर रूप से प्रभावित होने पर भी उन्हें रनवे पर सटीक रूप से निर्देशित करती है। इसके सर्वोपरि लाभों में से एक 200 मीटर की न्यूनतम दृश्यता सीमा और 60 मीटर तक की बादल छत के साथ लैंडिंग की सुविधा प्रदान करने की इसकी क्षमता है। ऐसी क्षमताएं उड़ान परिवर्तन की अनिवार्यता को काफी हद तक कम कर देती हैं, जिससे उड़ानों की सुरक्षा और समय पर संचालन सुनिश्चित होता है। कांग्रेस ने बदल दिया राहुल गांधी की आगामी 'भारत न्याय यात्रा' का नाम, बताई ये वजह लक्षद्वीप में दिखा पीएम मोदी का अनोखा अंदाज़, समुद्र में लगाई डुबकी, द्वीप प्रदेश को दी करोड़ों के विकास परियोजनाओं की सौगात सरकारी बंगला खाली करने के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंची महुआ मोइत्रा, जानिए क्या बोली अदालत ?