मुंबई: राहुल गांधी ने 12 वर्षों में पहली बार रविवार को शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, "बालासाहेब ठाकरे जी को उनकी 12वीं पुण्यतिथि पर याद कर रहा हूँ। मेरी संवेदनाएँ उद्धव ठाकरे जी, आदित्य और पूरे शिवसेना परिवार के साथ हैं।" हालांकि, उन्होंने बाल ठाकरे की कोई प्रशंसा नहीं की, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनौती दी थी कि कांग्रेस से बालासाहेब ठाकरे की तारीफ करवाई जाए, अगर वे सचमुच उद्धव सेना के समर्थक हैं तो। यह ट्वीट प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शिवसेना (उद्धव ठाकरे) को कांग्रेस से बालासाहेब ठाकरे की तारीफ करवाने की चुनौती देने के तीन दिन बाद आया। मोदी ने कहा था कि उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी का 'रिमोट कंट्रोल' कांग्रेस को सौंप दिया है और इसलिए वे बालासाहेब ठाकरे की तारीफ नहीं करवा सके। इस चुनौती के बाद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर बाल ठाकरे का नाम लिया, लेकिन उनकी तारीफ नहीं की, जिससे राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई। वहीं, सोशल मीडिया पर भी यह पोस्ट काफी चर्चा में रही। कई उपयोगकर्ताओं ने इसे चुनावों से पहले महाराष्ट्र के मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश बताया। कुछ ने कहा कि राहुल गांधी ने पहले कभी बालासाहेब ठाकरे का नाम नहीं लिया था, लेकिन अब चुनावी मौसम में उन्होंने यह ट्वीट किया। हालाँकि, ये तथ्य है कि बाबरी ढांचे का विध्वंस करने में अपनी भूमिका को बालासाहेब ने खुलकर स्वीकारा था और वे कांग्रेस तथा उसकी मुस्लिम तुष्टिकरण कि राजनीति के कट्टर विरोधी थे। उनके रहते तो कांग्रेस-शिवसेना की कभी नहीं बनी, और ना ही कांग्रेस के बड़े नेताओं ने कभी बाला साहेब को श्रद्धांजलि दी। लेकिन उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद के लिए पिता की विचारधारा के खिलाफ जाकर कांग्रेस से गठबंधन कर लिया और अब महाराष्ट्र चुनाव सर पर हैं, ऐसे में राहुल गांधी ने भी पहली बार नपे तुले शब्दों में बालासाहेब को याद कर ही लिया है। दूल्हा-दुल्हन के लिए रेलवे ने किया कुछ ऐसा, हर कोई कर रहा तारीफ बेअंत सिंह हत्याकांड में SC के निर्देश, कहा- राजोआना की याचिका पर जल्द लें फैसला इसी सत्र में पेश होंगे वक्फ और एक देश-एक चुनाव से सम्बंधित बिल- किरेन रिजिजू