आमतौर पर यह हर कोई जानता है कि फरवरी माह 28 या 29 दिन का होते है. बावजूद सरकारी रिकॉर्ड में फरवरी 2016 को 30 दिन का दिखाया जा चुका है. वहीं हाल ही में एक मामला वन मंडल सलूणी में सामने आया है. वहीं इसका खुलासा श्रम विभाग के पास पहुंचे रिकॉर्ड की तफ्तीश में हुआ है. हैरानी की बात ये है कि संबंधित विभाग के अलग-अलग अधिकारियों और कर्मचारी ने इस रिकॉर्ड को चेक कर बाकायदा हस्ताक्षर भी किए हैं. इस पर श्रम विभाग चंबा ने डीएफओ सलूणी को समन जारी किया है. वहीं जांच में इस बात का पता चला है कि समन में डीएफओ सलूणी को व्यक्तिगत रूप से 5 मार्च को श्रम कार्यालय में बुलाया गया है. वन विभाग सलूणी में कार्यरत एक वर्कर हंसो ने उसे बिना उचित कारण के नौकरी से निकाले जाने संबंधी शिकायत श्रम कार्यालय चंबा में की थी. शिकायत मिलने के बाद श्रम अधिकारी ने डीएफओ सलूणी को नोटिस जारी कर वर्ष 2016 से लेकर 2018 तक हंसों के वर्किंग डे सहित अन्य रिकॉर्ड तलब किया था. वन विभाग सलूणी के रिकॉर्ड के मुताबिक फरवरी 2016 को 30 दिन का दर्शाया गया है. इतना ही नहीं इस रिकॉर्ड पर बाकायदा विभागीय अधिकारी, आरओ, बीईओ, रेंजर, वन रक्षक के हस्ताक्षर हुए हैं. इधर, वन विभाग के डीएफओ ने इस मामले में संबंधित कर्मचारियों से दस दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है. जंहा यह भी कहा जा रहा है कि श्रम अधिकारी चंबा अनुराग शर्मा ने बताया कि डीएफओ सलूणी को समन जारी किया गया है. रिकॉर्ड में 2016 फरवरी 30 दिन का दर्शाया गया है. मामले की जांच की जा रही है. लेकिन वहीं डीएफओ सलूणी अशोक आनंद ने बताया कि उन्हें रिकॉर्ड में फरवरी को 30 दिन का दर्शाने की जानकारी मिली है. बीईओ, रेंजर और वन रक्षक से स्पष्टीकरण मांगा गया है. टीचर ने रचा इतिहास, अपने सेविंग से कराई बच्चों को हवाई यात्रा ससुराल की संपत्ति हथियाने के लिए दामाद ने बनाया घिनोना प्लान, हुआ गिरफ्तार युवक की पैंट से निकला भयानक कोबरा, अटक गई लोगों की सांसें